by Rachna Siwach | Feb 17, 2020 | Uncategorized
” उफ़्फ़..! तमाशा बना रखा है!”। दिमाग़ ठनक गया था.. बाजरे और मक्के के आटे के पैकेट देख कर। सर्दियाँ जाने को हैं.. पर पता नहीं क्यों, लाना ही बंद नहीं करते। कई बार पतिदेव से कहा था.. भई! अब कोई नहीं खा रहा ये.. मक्का बाजरा, मत लाओ। झगड़ा करना पड़ा...
by Rachna Siwach | Feb 16, 2020 | Uncategorized
आते-जाते मौसम प्यारे लगते हैं हर मौसम का अपना एक सलीका है महमानों की तरह दस्तक देते हैं हर साल के चार-चार महीनों में एक नया मेहमान रूपी मौसम दस्तक देता है सच! इस मौसम रूपी हर नए मेहमान का अपना ही एक बसेरा है रिश्ते की एक अनोखी डोर से बन्ध हर मौसम अपने जाते -जाते अपनी...
by Rachna Siwach | Feb 12, 2020 | Uncategorized
आज सवेरे बच्चों को दूध देने के बाद… bournvita का डब्बा संभाल कर रखते हुए, अपना ज़माना याद आ गया था। हमारे ज़माने में भी हमें complan, bournvita यह सभी दूध में मिलाने के flavours सुनने में आते तो थे.. पर कभी हमनें bournvita वगरैह पर विश्वास नहीं किया था। हाँ! कॉफ़ी...
by Rachna Siwach | Feb 10, 2020 | Uncategorized
” अरे वाह! इतनी बड़ी और बढ़िया गोभी..! ज़रुर महँगी होंगी!। ” अरे! कहाँ..! अब तो दाम कम हो गए हैं! गोभी के.. वो तो मैं पहले ही लाया करता था.. तीस-तीस चालीस-चालीस रुपए में.. अब तो दस-दस के दो बड़े-बड़े फूल मिल रहे हैं। और, अगर और देर रात को जाऊँ.. तो चार फूल...
by Akhileshwar Mishra | Feb 8, 2020 | Uncategorized
अलग है पहचान इनका शनि देव इनका नाम है सूर्य के ये पुत्र हैं काल इनके भ्राता हैं दृष्टि इनकी है अलौकिक अद्वितीय इनकी गाथा है काला इनका पोशाक है वाहन इनका काक है देव दानव या कि मानव ये नहीं कुछ भेद करते कर्म के अनुसार सबका ये तो बस न्याय...
by Rachna Siwach | Feb 8, 2020 | Uncategorized
बात गर्मियों की छुट्टीयों की है.. घर जाना हुआ था। हर गर्मियों की तरह, नानी घर में पूरी रौनक जमी हुई थी। हर साल की तरह सारा परिवार इकठ्ठा हो, दोपहरी में बिस्तर पर गप्पे हाँक रहा था.. माँ, हमारी नानी और बच्चे सभी थे। कि अचानक हमारे वहीं पास में रखे.. लैंडलाइन फ़ोन की...