by Major Krapal Verma | Nov 16, 2020 | Uncategorized, सॉरी बाबू
धारावाहिक- 23 ‘दिला दे , बेल …?’ कल्पतरु से मैं मजाक कर बैठी थी। मेरा मन आज हलका-भारी हो रहा था । आशा-निराशा आ-आकर मुझे मुंह चिढ़ा रहीं थीं । मैं कई बार आसमान पर डोल आई थी और अब जमीन पर चलना अच्छा न लग रहा था । ‘चल, कर देते हैं तेरी भी पूजा...
by Major Krapal Verma | May 19, 2020 | Uncategorized
‘फ्री’ का एक लम्बा-चौड़ा बोर्ड मैदान मैं लगा था ….!! दो-चार टहलने आए लोग उस बोर्ड को पढ़ कर वहां खड़े हो गए थे . चार-पांच गैलाऊ उन्हें खड़ा देख कर मैदान में चले आए थे …..कि देखें कि इतने लोग क्यों खड़े थे …? उन्होंने भी उस ‘फ्री’...
by Rachna Siwach | May 16, 2020 | Uncategorized
आमों का सीजन शुरू हो गया है। घर में भी आमों को लेकर डिमांड शुरू हो गईं हैं। कहीं से mango-shake बनवाने की आवाज़ आती है, तो कोई mango ice-क्रीम को लेकर बात कर रहा होता है.. और खाने के संग कटे हुए आम तो रोज़ के हैं, ही! युहीं आमों को काटते -छीलते और चखते मेरे ये...
by Major Krapal Verma | May 13, 2020 | Man Ki Baat, Uncategorized
सच ही है -बब्लू भाई ! बीस लाख करोड़ ही है – जो मोदी सहाव ने दिया है ….!! कहा है -ये पैसा हमारे लिए है . घरेलू उद्योग मैं लगेगा . स्वदेशी को फिर से चलाया जाएगा . स्व-रोज़गार लगेंगे .पैसा अपने हाथ में आएगा . अपना काम लगाने में सरकार मदद करेगी . अब महाजनों का...
by Rachna Siwach | Apr 13, 2020 | Uncategorized
दाल-मखनी, वही साबुत उड़द, माँ की दाल या काली वाली दाल.. कोई भी नाम दे सकते हैं। हम तो भई! सदा से ही साबुत उड़द कहते आए हैं। या फ़िर यूँ कह दिया करते थे.. ” माँ! आज वो काली वाली दाल बना देना!”। बहुत ही स्वादिस्ट दाल बनाती थीं.. माँ! यह काले उड़द। वो आजकल...
by Rachna Siwach | Apr 4, 2020 | Uncategorized
बहुत ही बड़ा, सुन्दर और हर-भरा प्यारा सा पेड़ हो गया है। गमले में है.. पर गमला बहुत बड़ा है। बच्चे छोटे थे.. जब कभी नन्हा सा पौधा लगाया था। अब तो ईश्वर की कृपा से अच्छा-खासा पेड़ बन, मेरी छत्त की शोभा बढ़ा रहा है। मेरे संग-संग यह सफ़ेद फूलों का प्यारा सा पेड़ और भी...