by Rachna Siwach | Oct 22, 2019 | Uncategorized
आदरणीय से पत्र शुरू हो रहा सादर चरण स्पर्श पर ख़त्म होता था मीठे बोलो से भरे इस पत्र में अपनेपन का रस होता था समय का पहिया घूमा ऐसे पत्र तो हो गए बंद ही जैसे चैटिंग का ज़माना है आया पत्रों को जैसे रोक लगाया व्हाट्सप्प में सिमटी सब बातें स्टीकर और दो शब्दों में...
by Rachna Siwach | Oct 22, 2019 | Uncategorized
अपना ज़माना बखूबी याद है.. हमें! जब हम धीरे-धीरे बडे होते जा रहे थे.. अब उन दिनों मोबाइल और इंटरनेट का कोई चक्कर तो था, नहीं! बस! अपनी पढ़ाई, और पढ़ाई-लिखाई ख़त्म होने के बाद.. माँ की रसोई में उनके साथ हाथ बटाना होता था.. बड़े होने के साथ-साथ.. पढ़ाई के संग .. हमें...
by Rachna Siwach | Oct 22, 2019 | Uncategorized
शरद ऋतु का मौसम है आया सब्जियों की बारात सी लाया हरे-भरे मेहमान बन पालक मैथी आए संग अपने सरसों भी लाए बथुए की थी चाल निराली! संग-संग आईं गाजर मूली और दोनों गोभी बहन प्यारी छम्मक- छल्लो बनी मटर खड़ी थी हर मेहमान संग मानो हिली-मिली थी ढोल नगाड़े अमरूद बजा रहे...
by Rachna Siwach | Oct 22, 2019 | Uncategorized
” ये vicks की बोतल किसने खाली कर दी!”। ” अरे! नानी आप को पता नहीं है! बछड़े के सिर में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था.. और ज़ुकाम से इसकी नाक भी गीली थी! तो मैंने यह vicks रखी देखी! और लगा दी!”। यह सालों पुराना बचपन का नानी-घर का क़िस्सा याद कर.. मेरे...
by Akhileshwar Mishra | Oct 19, 2019 | Uncategorized
रावण आज फिर कहीं मुस्कुराया होगा जब हजारों रावणों ने उसे जलाया होगा सोचा होगा अपने प्रतीकों को जलते देखकर लोगों ने खुद में तो मुझे ही जिलाया होगा उसे मायूसी भी हुई होगी इन रावणों को देखकर जब इन्होंने उसकी बुराइयों को केवल अपनाया...
by Surinder Kaur | Oct 19, 2019 | Uncategorized
एक दिन रूह मेरी तेरी रूह से मिलने आयेगी।। कभी मत कहना कि मुलाकात नही हो पायेगी।। गिले शिकवो का सिलसिला मत शुरू करना, प्यार की फिर कोई भी बात नही हो पायेगी ।। जुबां तो खुलेगी नही,गुफ्तगू तो होगी मगर इतनी सुंदर कभी कायनात नही हो पायेगी।। बहने देगे जी भर के अशक हम खामोशी...