by Major Krapal Verma | Dec 2, 2022 | Short Stories
रोशनी का कत्ल हो गया है। लगा है मेरे दिमाग की जैसे बत्ती गुल हो गई हो। अंधकार है। काली अंधेरी रात है। अब सूरज कभी न निकलेगा शायद। अब ये अंधकार हमेशा हमेशा मेरे जीवन में छाया रहेगा। कारण – मैं तो सब कुछ रोशनी के क्रिया-कलाप देख देख कर जीती रही हूँ, मरती रही हूँ,...
by Major Krapal Verma | Nov 20, 2022 | Short Stories
वह बिजली का खंबा जहां हम हर शाम आ कर मिलते थे – हमारी जन्नत था। विनीत अपने टूटे फटे स्कूटर पर आता था तो मैं मात्र उस स्कूटर की आवाज से ही अनुमान लगा लेती थी कि ये विनीत का ही स्कूटर है। तब मैं लवली की लगाम पकड़े आहिस्ता आहिस्ता चल कर उस खंबे तक पहुंचती थी। मेरे...
by Major Krapal Verma | Jul 21, 2022 | Short Stories
मैं धन्ना, गांव से झोला लेकर दिल्ली आ गया था। मैंने हाई स्कूल की परीक्षा पूरी की थी। परिचित चाचा भीम सिंह के यहां रुका था। वो मोहन एंड महेंद्र मिल्स में बुनकर थे। उन्हीं ने मेरी भी नौकरी मोहन एंड महेंद्र मिल्स में लगा दी थी। मैं भी बुनकर विभाग में शामिल हो गया था।...
by Major Krapal Verma | Jun 8, 2020 | Kahani, Short Stories
कहानी . ”सलौनी …।” फोन था . कोई बहुत जानी-पहचानी आवाज थी . पर था कौन ? समझ न आया था – उसे । ”भूल गईं …?” उस ने उलाहना दिया था . ”मैं …मैं ,यार । चित्ररथ ….।।” उस ने अब अपना नाम बताया है. ”ओह ।...
by npritha45 | Apr 8, 2020 | Short Stories
There was a village. The name of the village was Sharampoor. The village was always calm and pleasant and there were natural beauties in the village. Many people lived in the village. Their occupation was to work hard in their field. It was the morning time, the sun...