by Major Krapal Verma | Jul 31, 2016 | Samrajya Ka Soch
सुंदर – स्वप्न “हाँ,हाँ …! बिलकुल सही है !! न्याय- संगत है …सच है ….धर्मानुकूल है …! जन-मानस को इसी प्रकार का अनुशाशन चाहिए . मैं कब से कह रहा था …कि …व्यवस्था ही भ्रष्ट हो तो ….” “लोग भ्रष्ट होंगे...
by Major Krapal Verma | Apr 18, 2016 | Samrajya Ka Soch
साजिश उन के साम्राज्य का सोच तो सही था ! उन का सोच था कि हमारे उत्तराधिकारी अपने इस महान भारत को इस की पुरानी गरिमा से भी आगे के आयामों तक ले जांयगे ! उन का सोच था कि इस देश के नागरिक एक ऐसी आदर्श व्यवस्था की संरचना करेंगे जिसे लोग हैरत भरी निगाहों से देखेंगे...
by Major Krapal Verma | Apr 17, 2016 | Samrajya Ka Soch
असंभव उन का सोच तो सही था ! उन के साम्राज्य का सोच था – कि उन के उत्तराधिकारी आपस में मिल-जुल कर रहेंगे ! उन का मानना था कि उन के बच्चे पढ़-लिख कर लायक बनेगे और अपना दायित्व संभाल लेंगे. उनका मानना था कि सभी जातियां, सभी धर्म और सभी प्रान्त एक छत्र भारत के...