by Major Krapal Verma | Apr 20, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ५० “कैरी डूब गया …!” राजन ने कहा है . उस के स्वर मैं एक दर्प उभर कर आया है . जैसे सावित्री पर हुई यह उस की पहली फतह हो – उसे लगता है. “मै .. मतलब कि मुझे .. सब सौंप रहा है.” राजन ने सूचना दी है. सावित्री...
by Major Krapal Verma | Apr 19, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -४९ विचित्र लोक की खबर जब लॉस वेगस पहुंची थी तो एक उदाहरण जैसा खड़ा होगया था !! आश्चर्य था – जिसने लास वेगस को चुनौती दी थी वो और कोई नहीं उन्ही का जाना-माना राजन था, जिसने दो बार लास वेगस में अपनी छाप छोड़ी थी और एक ख्याति बनाई थी. चॉइस...
by Major Krapal Verma | Apr 18, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -४८ नई दुनियां -न्यूज़ एजेंनसी ने महिला जगत को आंदोलित कर दिया था ! जब से खिलौना राम ने पारुल के सामने घुटने टेके थे , तभी से पारुल का नाम परवान चढने लगा था ! पूरा कलकत्ता ही नहीं समूचा जगत जांन गया था -पारुल के प्रभाव को ! और अब हर कोई उस के बारे...
by Major Krapal Verma | Apr 17, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -४७ कलकत्ता की आज बड़े दिनों के बाद नींद खुली है !! अखबारों में उजाले भरे हैं . एक जंग छिड़ी है . छोटे-मोटे अक्षरों में प्रथम प्रष्टों पर ही छपा है – भावी का खिलौना -भैया का हत्यारा !! साथ में खिलौना राम और उस के राजनीतिज्ञ बेटे -कर्मठ के चित्र...
by Major Krapal Verma | Apr 15, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- पारुल अशांत थी !! रह-रह कर घबराती गरिमा का चेहरा बार-बार उस के दिमाग में कौवे की तरह खोंट मार रहा था ….घाव दे रहा था …और लहू-लुहान कर रहा था -उसे ! “दो बेटियां हैं . मैं अकेली हूँ !” गरिमा के स्वर थे …जो चले ही आ रहे थे ....
by Major Krapal Verma | Apr 13, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे …. लॉस वेगस से माइकिल ने काम -कोटि में विचित्र -लोक की रचना होने के सन्दर्भ में अपने विचार लिख कर भेजे हैं ,” मैंने अपने जीवन में अभी तक इतना रम्य प्रदेश नहीं देखा है !मैं हैरान था ,राजन साहब !यह देख कर कि परमात्मा ने काम-कोटि में स्वयं आ कर...