by Major Krapal Verma | May 10, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ६८ “भौतिकता का अतिरेक और अंधे व्यवसाय की आंधी …कल-युग के कृत्य और सत्य …न्याय -अन्याय …नीति -अनीति …सब अलग हैं !” चन्दन बोस ने विश्व -शान्ति के लिए प्रार्थना करते हुए कहा था . पारुल के साथ वो वर्ल्ड टूर...
by Major Krapal Verma | May 9, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -६७ “ये तुम्हारा …चन्दन महल …..चंद मिनटों में फूँक दूँगी ……!” चन्दन बोस कविता के डी सिंह की आती आवाजें सुन रहा था . वह बुरी तरह से डरा हुआ था . कविता का फोन आने के बाद से तो उस की हालत ही खराब थी . “यूं ..न...
by Major Krapal Verma | May 8, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -६६ बंबई ‘दे टक्कर !’ के एक अद्भुत शोर से लवालव भरा था ……!! हर युवा, युवती और .. यंग अंड ओल्ड न जाने क्यों ‘दे टक्कर’ के अजीब से आल्हाद को उछाले-उछाले सड़कों पर एक अनाम प्रमाद को जी रहा था. हर कोई टक्कर देना चाहता...
by Major Krapal Verma | May 7, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -६५ सारा जगत जाग रहा था ….!! लेकिन ‘महाराजा’ के कपाट अभी तक बंद थे ! पारुल और चन्दन का स्वप्न-संसार अभी भी सो रहा था . उन्हें आज -कल ,दिन-रात …और संसार के चलते क्रिया-कलापों से कोई सरोकार न था ! उन का अपना प्रेम-मय...
by Major Krapal Verma | May 6, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ६४ महाराजा के अंदर अब महारानी और चन्दन दोनों अकेले थे …!! दोनों एक दुसरे पर प्रसन्न थे. बम्बई की सुस्त शाम का डंक निकालने के लिहाज़ से चन्दन ने पहले ही कोसे पानी के साथ सेलुलर का आर्डर भेज दिया था. व्हिस्की ने अपना कमाल कर दिखाया था. न...
by Major Krapal Verma | May 5, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -६३ क्या रह गया था …और क्या छूट …गया था …..पारुल की समझ में ही न आ रहा था ….!! लेकिन थी वो जाने की जल्दी में ! जल्दी इतनी कि अगर उसके पंख होते तो न जाने कितनी बार वह चन्दन से मिल ली होती ! लेकिन उनके बीच का फासला भी...