Parchhaiyan

चार चौरंगी लेन ! राजन की आत्महत्या की घटना ने हवा को जगा दिया है ! दशों दिशाएं अब जाग्रत हो चुकी हैं। प्रश्न है – राजन क्यों मरना चाहता है ? उस के पास क्या नहीं है ! जितना राजन को मिला है  …उतना तो  ….? फिर राजन  ….? पारुल ने पढ़ा है।  बार-बार...

Love Marriage

लव मैरिज़ घर में घुसने के पहले मांथा घूम गया था, सावित्री का ! सूरज का चेहरा अचानक ही उस के सामने आ गया था. वही   ….हू -व्-हू , वही ! और कमाल भी था कि वह सूरज के बारे कुछ भी न भूली थी. दृश्य सामने था. सूरज – एक युवक  …सुसंस्कृत ,भीरु  ….मृदुभाषी...

Main Kise Pukar Baithi ?

मैं किसे पुकार बैठी ? सावित्री को लगा था जैसे वह एक लम्बी यात्रा कर के लौट रही थी. एक यात्रा  ..बेहद थकाने वाली यात्रा …गम और खुशिओं से लबालव भरी यात्रा  ….उत्कर्ष और अपकर्ष की एक विचित्र यात्रा ! सावित्री को अचानक ही क्रोध आने लगा था. वह भवकने लगी थी....

Satyanaash Kar Baithi – Apana !

सत्यानाश कर बैठी – अपना ! क्रोध आ रहा था , राजन को।  वह आज आग-बबूला  हो रहा था। उसे रह-रह कर अपने  ऊपर क्षोभ हो आया था. “अपनी की बेबकूफी के लिए उस के पास कोई उत्तर न था. वह चाहता था कि कोई उत्तर खोज ले  ….कोई बहाना बनाए  ….जिस से कि  …...

England Main Bharat

इंग्लैंड में भारत उस रात सोई कहाँ थी, सावित्री ! कहाँ गया होगा, राजन ? ज़रूर क्लब जाएगा  …..खूब डट कर पीयेगा  ….और फिर पत्ते बांटते-बांटते बेहोश हो जाएगा  …और फिर  …? नहीं,नहीं ! अब वो संभल गया है. जब से अकेला रहने लगा है  …तब से  …...

Kash Ham Kunare Na Hote !

का:श हम कुंआरे न होते ! राजन को जोर की ठोकर लगी थी. दो चार कदम दौड़ कर वह गिरते-गिरते बचा था. “पैदल चलना भी भूल गए , राजन सेठ ?” न जाने कैसे उसे शहर कलकत्ता ने पूछा था. “जब तुम आए थे तो …..अँधेरे में भी बिना आँखों के चलने का अभ्यास था, तुम्हें...