by Major Krapal Verma | May 22, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ८० “चन्दन …! हम लुट गए ….!!” फोन पर आती कविता की डकराहट ने चन्दन महल को बुरी तरह हिला कर धर दिया था ! “लड़कियां …नहीं पहुँचीं …! न जाने ….कहाँ …गायब हो गया …ज-हा-ज ….?”...
by Major Krapal Verma | May 20, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ७९ संभव आज हारी बाज़ी फिरसे खेलना चाहता था….!! एक लम्बे अन्तराल के बाद आज पारुल उसके पास लौटी थी. न जाने कितने प्रयत्न उसने पारुल को पाने के लिए किये थे – पर हर बार बाजी किसी और ने ही जीत ली थी. ठगा सा वह अपनी किस्मत को कोसता रह...
by Major Krapal Verma | May 20, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ७८ विश्व नारी संगठन का समारोह दुबई पर छाया हुआ था …..!! पूरे विश्व से नारी समाज संगठन की चुनिन्दा महिलाएं दुबई पधारी थीं. एक गजब की गहमागहमी भरी थी हवा में. नए-नए विचारों और सुझावों की आंधी आई हुई थी. नारी उत्थान के लिए और क्या होना...
by Major Krapal Verma | May 18, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -७७ चन्दन का और पारुल का अबोला चल रहा था …..!! पारुल की नाराजगी का कारण चन्दन जानता था. उसने भरसक प्रयत्न किये थे के पारुल को माना ले. लेकिन अभी तक पारुल का मुंह सीधा न हुआ था. लेकिन आज .. अचानक ही पारुल का मिजाज कुछ बदला बदला लगा था. आज लगा...
by Major Krapal Verma | May 17, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग – ७६ सोती पारुल का आज आँखें खोलने का मन ही न हो रहा था ….!! न जाने क्यों आज उसे अन्धकार ही अच्छा लग रहा था .. सुहाता लग रहा था और कम से कम उसकी हाजरी बजाता – प्रिय मित्र लग रहा था ! उसे लग रहा था कि अब वह निपट अकेली थी .. अनाथ थी....
by Major Krapal Verma | May 16, 2020 | Parchaiyan
गतांक से आगे :- भाग -७५ राजन ने आँखें खोली थीं ….!! एक हलचल का जन्म हुआ था. कोई जैसे अजूबा घट गया हो – ऐसा लगा था. लगा था – किसी मरी लाश ने ऑंखें खोल दी हों. और अब वो अपने होने .. न होने के सवाल पूछ रहा हो. राजन चकित दृष्टि से सामने उजागर हुए संसार...