by Major Krapal Verma | May 12, 2018 | Kahani
मैं चौंक पड़ी थी ! मैं पहाड़ के नीचे नहीं ……एक प्रेमी के नीचे आ गई थी ! वो अब मेरा मनभावन पुरुष था ….मेरा इच्छित प्रेमी था ! वह मेरा बहुत-बहुत अपना था ….मेरा सदाबहार सावन था …रिम-झिम ….रिम-झिम वरषता मेरा मेघ था ….और था मेरा एक...
by Major Krapal Verma | May 5, 2018 | Kahani
‘उ-ई’ माँ ! मैं जल गई थी !! कहानी – तीसरी किश्त :- मैं पोलू को आवाज़ देते-देते रुक गई थी . ऐसा नहीं कि पोलू – जो मैं हुक्म देती वह नहीं बनाता ? और ऐसा भी नहीं था कि ..पोलू कोई नौसिखिया था ! पोलू पांच सितारा होटल ‘मॉडर्न’ से सेवा...
by Major Krapal Verma | Apr 22, 2018 | Kahani
मैं उस का हुकुम मोड़ न पाई थी !! कहानी , दूसरी किश्त :- “…………………” उस ने मेरे कान में फुस-फुस आवाज़ में कहा था . “क्या बोला ….?” मैंने तड़क कर प्रश्न किया था . “डर्टी …डायलाग...
by Major Krapal Verma | Apr 13, 2018 | Kahani
‘माई वाइफ’ उस ने नहीं कहा था ! शायद लड़-लड़ा कर आया था कहीं से ….? अब मेरे सामने खड़ा था . एक सुदर्शन …मन भावन ….और मस्त युवक मुझे अपलक घूरे जा रहा था . में भी न जाने क्यों उसे निहारती ही रही थी !मुझे अच्छा लग रहा था . ….उस का अंग...
by Major Krapal Verma | Dec 30, 2017 | Kahani
फरीदा क्यों नहीं बोली ? चार्ज शीट में आपने लिखा है ; – कि लेफ्टिनेंट कमांडर भारत भूषण -हिन्दुस्तानी जासूस को पाकिस्तान छोड़ कर भागते हुए पीर-फकीर में जब पाकिस्तान के रेंजर – मुस्ताक ने ललकारा तो उस ने अपनी पिस्तौल से वार किया और उसे हलाक कर दिया . तैनात...
by Major Krapal Verma | Dec 17, 2017 | Kahani
भागीरथ की मौत !! “भालेंद्र को भगवान् बनाना …या उसे वलवान बताना …कोई बुरी बात है , क्या …?” गज्जू पूछ रहा था . “अरे, भाई ! मारी हलाल है , उस की …! वह तो ….न जाने कहाँ …पहुंचेगा ….” “हमारे दम पर...