by Major Krapal Verma | Apr 10, 2025 | रजिया
आगत स्वागत के अलावा अमेरिका ने सर रॉजर्स को मालामाल भी कर दिया था। पे एंड पर्क्स के अलावा उन्हें इनाम और इकरार भी मिले थे। जमीन भी मिली थी। वो एकाएक धन पति बन गए थे। अब उन की समझ में न आ रहा था कि वो इतने मिले धन माल का क्या करें? तभी बात समझ में आई थी कि उनकी इकलौती...
by Major Krapal Verma | Apr 8, 2025 | रजिया
“गोट ए बॉडी ऑफ स्टील।” मिष्टी ने मुझे घूरा था। “वॉट आर द मैसिव मसल्स यार।” मिष्टी की आंखों में आश्चर्य खेल रहा था। मैं रग्बी ग्राऊंउ की घास पर पड़ी कुर्सी पर बैठा था। मेरा शरीर पसीने में तर-बतर था। सामने पड़े स्टूल पर मिष्टी आ कर बैठ गई थी। आज...
by Major Krapal Verma | Apr 8, 2025 | रजिया
न चाहते हुए भी जालिम सर रॉजर्स के लिए एक सच्ची संभावना बनता ही चला जा रहा है। उन्हें नींद नहीं आ रही है। वो बैचैन हैं। परछाइयां बार-बार आती हैं और जालिम का भूत बन कर सामने खड़ी हो जाती हैं। तारा मण्डल की तरह अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड उनकी आंखों के सामने घूम...
by Major Krapal Verma | Apr 1, 2025 | रजिया
सर रॉजर्स अकेले बैठे थे। उनका मन उदास था। उन्हें लग रहा था कि वो जीवन के जूए में लुट गए थे और सब कुछ हार बैठे थे। आज यूं सोफी का जालिम से जंग लड़ने का किया संकल्प उन्हें अच्छा भी लगा था और बुरा भी। अच्छा तो इसलिए कि सोफी अमेरिका के लिए लड़ेगी, अमेरिका के दुश्मन जालिम...
by Major Krapal Verma | Mar 31, 2025 | रजिया
आज की मीटिंग आरंभ हाेने से पहले का सस्पेंस काॅनफ्रेंस रूम में लबालब भरा था। सभी की निगाहें मूडी पर टिकी थीं। सभी काे उम्मीद थी कि मूडी आज जरूर कुछ न कुछ नया करिश्मा करेगा। सर राॅजर्स भी एक उम्मीद लिए अपनी सीट पर संभल कर बैठे थे। आज का महावीर मूडी उन्हें अजेय लग रहा...
by Major Krapal Verma | Mar 27, 2025 | रजिया
“काश! मेरे हाथ में अगर पिस्तैल हाेती ताे मैं उस साले हंच बैक बास्टर्ड हाकिम साहब काे इतनी गाेलियां मारता – इतनी कि ..” मूडी पूरे राेष में तना हुआ था। वह लैरी काे दिल्ली में हुई घटना का जायजा दे रहा था। “हुआ क्या?” लैरी ने धीमे से पूछा था।...