by Major Krapal Verma | Jun 17, 2025 | रजिया
रघुनाथन के लिए दरबार से बुलावा आ गया था। रघुनाथन घबरा रहा था। वह दौड़ कर कालिया के पास पहुंचा था। उसकी जुबान सूख गई थी। वह बोल नहीं पा रहा था। “क्या हुआ?” कालिया ने पूछा था। “दरबार ..! बुलावा ..” रघुनाथन इतना ही बोल पाया था। कालिया हंस पड़ा था।...
by Major Krapal Verma | Jun 10, 2025 | रजिया
कंट्री क्लब में सर रॉजर्स के साथ बैठे टैड का चेहरा चिंता रेखाओं से भरा था। दोनों देश के वरिष्ठ नेता थे। दोनों ने ही संघर्ष किया था – अमेरिका फर्स्ट के नारे को लेकर। टैड तो अभी भी उसी नारे के नीचे बैठ अमेरिका के लिए जी जान से लड़ रहा था। लेकिन अब लड़ाई का रुख मुख...
by Major Krapal Verma | Jun 8, 2025 | रजिया
हवेली के पीछे बने बगीचे में बहार आई थी। गुलमोहर के पीले खिले फूलों ने रजिया सुलतान का मन मोह लिया था। बिंदा रजिया के साथ बगीचे में लंच ले रही थी। बिंदा बेगम आज मूड में थीं। वो रजिया सुलतान को लखनऊ के नवाबों की अइयाशी की कहानियां सुना रही थी। बता रही थीं कि कैसे...
by Major Krapal Verma | Jun 7, 2025 | रजिया
सामने रोड थी जिसके पार रघुनाथन को कुछ-कुछ दिखाई देने लगा था। सामने बहती नदी पर लकड़ी का पुल बना था। नदी का पानी शीशे सा साफ था। सामने के पहाड़ जंगलों से भरे महक रहे थे। मोहक सुहाती सुबास रघुनाथन को तरो ताजा कर गई थी। अचानक ही वह एक प्रसन्नता से भर उठा था। उसने बड़ी ही...
by Major Krapal Verma | Jun 5, 2025 | रजिया
“ब्रिटेन से बरनी ने एक दिल दहलाने वाली खबर भेजी है सर।” चुपके से ऑफिस में घुस आए माइक ने एक जरूरी बात बताई थी। सर रॉजर्स का सोच टूटा था। वो सोफी के बारे में ही सोच रहे थे। यूं इकलौती बेटी को जासूसी के जंजाल में फसा कर वो अपना चैन खो बैठे थे। एक सोफी ही थी...
by Major Krapal Verma | May 31, 2025 | रजिया
बिंदा बेगम आज रजिया सुल्तान के साथ अपनी बग्गी पर सवार हुई लखनऊ शहर की सैर पर निकली थी। बिंदा बड़े ही मनोयोग से रजिया सुल्तान को लखनऊ शहर का मिजाज और अंदाज बयां कर रही थी। लंबे चौड़े इमाम बाड़े, महल चौबारे और रेजीडेंसी लखनऊ शहर का इतिहास बता रहे थे। लखनऊ आज भी अपनी...