by Major Krapal Verma | Jul 11, 2025 | रजिया
“जस्ट फ्यू मंथ्स माेर।” जालिम ने राेलेंडाे की आवाज सुनी थी। अभी 9 दिसंबर था। 19 अप्रेल के आने में समय था। उससे पहले ताे 36 हजार टन ड्रग्स का कंसाइनमेंट जालिम के पास पहुंच जाना था – यह जालिम का अनुमान था। 19 अप्रेल की जन क्रांति में 36 हजार टन के...
by Major Krapal Verma | Jul 10, 2025 | रजिया
जालिम दिल्ली से हैदराबाद जा रहा था। आज वह अजीब तरह से राेमांचित था। दिल्ली में जाे पीछे छूट गया था जालिम काे बार-बार याद आ रहा था। हाकिम साहब से इस बार उसने नएला काे खरीदा और जाे खरीदना था वाे नहीं लिया और न उसका जिक्र किया। क्याें? “शहंशाह जहांगीर...
by Major Krapal Verma | Jun 29, 2025 | रजिया
कमरे में जब ट्रे भर कर नाश्ता आया था तो सोफी का मन खिल उठा था। उसे जोर की भूख लगी थी। उसने बिना विलंब किए नाश्ता निबटाया था। वह जानती थी कि गुलाम अली आने ही वाला था। गुलाम अली की भी नींद जल्दी ही खुल गई थी। उसने भी आज अपने सपने को साकार होते खुली आंखों देख लिया था।...
by Major Krapal Verma | Jun 28, 2025 | रजिया
मूडी का मूड बहुत खराब था। स्पाई फ्रंट का सारा काम रुका खड़ा था। बरनी के लाख समझाने के बाद भी मूडी उसकी बात नहीं मान रहा था। सर रॉजर्स अब बरनी की मदद के लिए साथ आए थे और वो तीनों आमने सामने बैठ समस्या से जूझ रहे थे। “मेरा कहना है सर कि पहले मूडी समर कोट चला जाए।...
by Major Krapal Verma | Jun 24, 2025 | रजिया
बरनी और मखीजा की वजह से स्पाई फ्रंट रुका खड़ा था। जितने ज्यादा सर रॉजर्स परेशान थे उससे कहीं ज्यादा बरनी दुखी था और सबसे ज्यादा प्रेशर मखीजा पर आन पड़ा था। दिन रात एक करने के बाद भी मखीजा अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा था। वो और उसका सिंडीकेट पागलों की तरह पहाड़ों...
by Major Krapal Verma | Jun 21, 2025 | रजिया
बग्गी में बैठी दोनों बेगम परी लोक जा रही थीं। अचानक सोफी को चैफ की पोशाक में सजा-वजा राहुल दिख गया था। आज न जाने क्या नया ड्रामा खेलेगा राहुल – सोफी सोच कर हंस पड़ी थी। वह कई पलों तक हंसती रही थी। राहुल से मिलन होना था। आंखें चार होनी थीं। और वो स्पर्श ..! वह तो...