by Major Krapal Verma | Jan 28, 2025 | रजिया
सोफी ने अलमारी के मुंह पर फिर से ताला जड़ दिया है। उसने विगत आगत सब को फिर से उसके भीतर बंद कर दिया है। अब उसका मन प्राण एक दोहरी प्रक्रिया से गुजर रहा है। जहां उसे हर्ष है कि राहुल उसी की बिरादरी का एक जासूस है, वहीं उसे अपने रोमांस के खट्टे हो जाने का क्षोभ भी है। न...
by Major Krapal Verma | Jan 24, 2025 | रजिया
राहुल राठौर की खोज में सोफी ने नीमो की ढाणी का चप्पा-चप्पा खोज मारा था। पर वह उसे कहीं ढूंढे न मिला था। “कहां बावली हुई घूम रही है?” मां सा ने उसे तलाश के बीच ही पकड़ लिया था। “क्या खो गया है तेरा री?” उन्होंने प्रेम पूर्वक पूछा था। मां सा की...
by Major Krapal Verma | Jan 22, 2025 | रजिया
नीमो की ढाणी लौट कर सोफी को बहुत अच्छा लगा था। उसे लगा था जैसे उसकी आत्मा हमेशा से ही इस नीमो की ढाणी में रह रही थी और अब उसका मन भी यहीं आ कर रच बस गया है। वह न जाने कैसे अमेरिका और स्काई लार्क को भूल गई है। अब तो उसे जालिम भी कम याद आता है। हां, राहुल सिंह ..?...
by Major Krapal Verma | Jan 20, 2025 | रजिया
“जुनून और जौहर का जमाना था यह!” राहुल सोफी को बता रहा था। “महाराणा प्रताप को तो जुनून सवार था कि वह मुगलों को हरा कर मानेंगे।” “क्यों?” सोफी ने बीच में प्रश्न किया था। “ऐसा क्या जुनून जो ..?” “मुगलों को वह विदेशी...
by Major Krapal Verma | Jan 18, 2025 | रजिया
मेवाड़ में प्रवेश पाते ही सोफी को लगा था जैसे हवा ही बदल गई थी। उस प्रदेश का अनोखा प्रसार उसे आनंदित कर गया था। उसे लगा था जैसे वह इस देश प्रदेश को जानती थी। वह इन सब पेड़ पौधों और पशु पक्षियों से परिचित थी। कुछ भी अजान बेजान न था यहां। और चित्तौड़ गढ़ में प्रवेश पाते...
by Major Krapal Verma | Jan 11, 2025 | रजिया
सोफी जिद कर के माण्डव लौट आई थी। माण्डव के खण्डहरों में वो उतावली बावली हुई डोल रही थी। टाइगर परेशान था। सोफी जो प्रश्न करती उसका उत्तर उसके पास न होता। सोफी के प्रश्न भी तो अटपटे ही तो थे। “पहले माण्डू का इतिहास समझ लो सोफी!” टाइगर कह रहा था। “दसवीं...