by Major Krapal Verma | Apr 20, 2025 | रजिया
“मजनूं महल वाॅज ए हैल।” लैरी ने अपना अनुभव बरनी काे बताया था। “मैं ताे पागल हाेने काे था सर।” उसने अपने दाेनाें हाथ हवा में फेंके थे। “ऐसा क्या था यार? मुझे ताे बताया था कि वाे ..” बरनी सनाका खा गया था। “बिगड़ गया काम?”...
by Major Krapal Verma | Apr 18, 2025 | रजिया
मजनूं पैलेस के गंदे संदे कमरे में अकेले बैठे लैरी को क्रोध चढ़ने लगा था। बड़ी कठिनाई से लैरी ने मलका गंज और मजनूं पैलेस होटल को खोज निकाला था। लेकिन खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाला मजाक लैरी के मुंह पर आ बजा था। होटल में लहसुन प्याज की बू नाक तक भरी थी। होटल का तौर...
by Major Krapal Verma | Apr 16, 2025 | रजिया
“कौन सी चाबी से ताला खुला सर?” लैरी ने बरनी से प्रश्न पूछा है। “रोलेंडो!” बरनी ने तुरंत उत्तर दिया है। “यार! कमाल है इस रोलेंडो का।” बरनी ने आश्चर्य जाहिर किया है। “साले धूर्तों का जमाना है।” उसने कोसा है आताताइयों को।...
by Major Krapal Verma | Apr 10, 2025 | रजिया
आगत स्वागत के अलावा अमेरिका ने सर रॉजर्स को मालामाल भी कर दिया था। पे एंड पर्क्स के अलावा उन्हें इनाम और इकरार भी मिले थे। जमीन भी मिली थी। वो एकाएक धन पति बन गए थे। अब उन की समझ में न आ रहा था कि वो इतने मिले धन माल का क्या करें? तभी बात समझ में आई थी कि उनकी इकलौती...
by Major Krapal Verma | Apr 8, 2025 | रजिया
“गोट ए बॉडी ऑफ स्टील।” मिष्टी ने मुझे घूरा था। “वॉट आर द मैसिव मसल्स यार।” मिष्टी की आंखों में आश्चर्य खेल रहा था। मैं रग्बी ग्राऊंउ की घास पर पड़ी कुर्सी पर बैठा था। मेरा शरीर पसीने में तर-बतर था। सामने पड़े स्टूल पर मिष्टी आ कर बैठ गई थी। आज...
by Major Krapal Verma | Apr 8, 2025 | रजिया
न चाहते हुए भी जालिम सर रॉजर्स के लिए एक सच्ची संभावना बनता ही चला जा रहा है। उन्हें नींद नहीं आ रही है। वो बैचैन हैं। परछाइयां बार-बार आती हैं और जालिम का भूत बन कर सामने खड़ी हो जाती हैं। तारा मण्डल की तरह अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड उनकी आंखों के सामने घूम...