by Major Krapal Verma | Mar 27, 2025 | रजिया
“काश! मेरे हाथ में अगर पिस्तैल हाेती ताे मैं उस साले हंच बैक बास्टर्ड हाकिम साहब काे इतनी गाेलियां मारता – इतनी कि ..” मूडी पूरे राेष में तना हुआ था। वह लैरी काे दिल्ली में हुई घटना का जायजा दे रहा था। “हुआ क्या?” लैरी ने धीमे से पूछा था।...
by Major Krapal Verma | Mar 27, 2025 | रजिया
नीमो की ढाणी में पहुंचने पर हर किसी ने बतासो और कालिया का भव्य स्वागत किया था। अमेरिका से लौट कर आए थे वो, इस बात का शोर था। अमेरिका नीमो की ढाणी के लोगों के लिए तो एक अजूबा ही था। लोग सुनते थे अमेरिका के किस्से लेकिन उन पर विश्वास नहीं कर पाते थे। अब कालिया और बतासो...
by Major Krapal Verma | Mar 26, 2025 | रजिया
“अमेरिकन ऐम्बेसी में केवल चेकआउट करना है।” लैरी मूडी काे समझा रहा था। “ज्यादा लेना देना वहां हाेगा नहीं।” उसने हिदायत दी थी। “आम ठिकाना ताे हाेटल व्याेम बसेरा है।” लैरी ने निगाहें उठा कर मूडी काे देखा था। “ये दिल्ली के गर्भ...
by Major Krapal Verma | Mar 23, 2025 | रजिया
असंभव अभियान किलर्स का संचालक काैन हाेगा – सर राॅजर्स के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न था। लाख काेशिशाें के बाद भी वाे काेई निर्णय नहीं ले पा रहे थे। अतः उन्हाेंने स्काई लार्क की मीटिंग बुलाई थी और अपना प्रस्ताव सब मैंबराें के सामने रख दिया था। “एनी...
by Major Krapal Verma | Mar 17, 2025 | रजिया
लैरी भारत से लौट आया था। जालिम का फोटो जिसे लैरी साथ ले कर आया था स्काई लार्क के लिए किसी उत्सव से कम न था। पहली बार जालिम का हाल हुलिया उजागर हुआ था। और पहली बार ही स्काई लार्क के लोगों ने उस फोटोग्राफ को आंखें भर-भर कर देखा था। अभी तक की की सारी कल्पनाएं और कयास...
by Major Krapal Verma | Mar 13, 2025 | रजिया
हैदराबाद की चारमीनार के चारों ओर भरी चहल पहल में लैरी किसी गुलाम अली की तलाश में पागल हुआ घूम रहा था। गुलाम अली को नाम से तो सब जानते थे पर उसका पता किसी के पास न था। और न कोई लैरी की मदद ही करना चाहता था। यहां अमरीकनों का नहीं अरबों का बाजार था – लैरी की समझ...