राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

मुनीर खान जलाल को शगुफ्ता के साथ रोता बिलखता छोड़ राम चरन अकेला इस्लामिक सम्मेलन में शरीक होने चला आया था। राम चरन जमा इस्लामिस्टों के लिए नया था। लेकिन वह अनाड़ी न था। वह इन पुराने पुरोधाओं के लिए एक नया और चतुर खिलाड़ी था। उसने दो नहीं चार-चार आंखों से सामने बैठे उन...
राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

राम चरन भाग एक सौ इकत्तीस

सम्मेलन में ग्यारह बजे पहुंचना था। पूरी दुनिया के पुरोधा सम्मेलन में भाग लेने के लिए पधारे थे। आज दुनिया के दो सौ करोड़ मुसलमानों ने एक अहम वक्त नियुक्त करना था – जब उन्हें चारों ओर से गोलबंदी कर काफिरों पर गिद्धों की तरह टूट पड़ना था और उन्हें तबाहो-बर्बाद कर...
राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

राम चरन भाग एक सौ तीस

मुनीर खान जलाल का मन आज उड़ते हवाई जहाज के आगे-आगे उड़ रहा था। उसे उम्मीद थी – सोलहों आने उम्मीद थी कि उसका खलीफात में शामिल होना अब निश्चित था। ढोलू शिव का खजाना अब उसका खजाना था। और पूरा हिन्दुस्तान अब सी के नाम लिखा जाना था। फिर हैदराबाद उसकी नई नवेली राजधानी...
राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

राम चरन भाग एक सौ उनतीस

इस्लामिक स्टेट के दूसरे सम्मेलन में शरीक होने का संदेश आन पहुंचा था। पहली बार ही था – यस-यस पहली बार कि जब खलीफा बनने का ख्वाब मुनीर खान जलाल के जेहन में बिजली की तरह कौंध गया था। “असंभव तो नहीं है?” आज मुनीर खान जलाल ने बड़े ही आत्म विश्वास के साथ...
राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

राम चरन भाग एक सौ अट्ठाईस

“गुड माॅर्निंग!” जनरल फ्रामरोज का फोन था। “गुड माॅर्निंग सर!” राम चरन संभल गया था। “इतनी जल्दी! खैरियत तो है?” “खुशखबरी है।” जनरल फ्रामरोज ने सूचना दी थी। “सात नम्बर आ जाओ!” उनका आग्रह था। “नाश्ता...
राम चरन भाग एक सौ बत्तीस

राम चरन भाग एक सौ सत्ताईस

देर रात गए राम चरन ने हैदराबाद फोन मिलाया था। मंदिर परिसर सूना था। किरन कस्तूरी जा चुका था। पंडित कमल किशोर कब के घर पहुंच चुके थे। सुंदरी सो नहीं रही थी। लेकिन दिल्ली सो रही थी। और राम चरन भी एक अकेला था जो अभी भी जाग रहा था। संघमित्रा उसे अब सोने नहीं दे रही थी।...