जंगल में दंगल महा पंचायत नौ

जंगल में दंगल महा पंचायत नौ

“पर आपकी बात मानेगा कौन?” नकुल ने पूछ ही लिया था। “पंचायत की बात तो मानेगा?” “हॉं! वह तो है!” “हम दोनों पंच हैं! हम दोनों तय करते हैं कि ..” “लेकिन हम तो दो हैं, छोटे हैं और ..” “भूल जाओ छोटे बड़े को...
जंगल में दंगल महा पंचायत नौ

जंगल में दंगल महा पंचायत आठ

तेजी सोच रही थी कि नकुल को यों निकाल फेंकना ठीक नहीं था। अकेले जरासंध पर मूँछें मुड़ा कर बैठना बेवकूफी थी। नकुल जैसे लायक मिलते कहां हैं! वह एक अच्छा लड़ाका ही नहीं एक अच्छा सहायक भी है – तेजी यह जानती थी। जब से नकुल ने सत्ता का अंजन तेजी की आंखों में डालकर उसे...
जंगल में दंगल महा पंचायत सात

जंगल में दंगल महा पंचायत सात

शशांक का अचानक आगमन गरुणाचार्य के लिए चौंकाने वाला सबब था। गरुणाचार्य आजकल कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहने लगे थे। जब से उनका चुनाव महा पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए हुआ था तब से ही बहुत सारे उलट फेर हो रहे थे। उनका तो अपना जीवन और जान भी पराए हुए लगे थे। उनपर हर किसी का...
जंगल में दंगल महा पंचायत छह

जंगल में दंगल महा पंचायत छह

“नकुल नालायक है!” पृथ्वी राज आग बबूला हुआ आंगन में चक्कर लगा रहा था। “हाथियों ने काग भुषंड से हाथ मिला लिया है!” वह बार बार बड़बड़ा रहा था। “खाली डींगें मारता है मूर्ख!” उसने तेजी को घूरा था। “तुम भी हो कि उसे सर पर चढ़ा कर...
जंगल में दंगल महा पंचायत सात

जंगल में दंगल महा पंचायत पांच

कौवे को चुन्नी पर शक था। उसे चुन्नी की ईमानदारी, निष्ठा और लगन का खयाल नहीं था। उसने तो चुन्नी का एहसान तक नहीं उतारा था। कैसे चुन्नी काले को सफेद कह कह कर काग भुषंड को सत्ता के सोपान चढ़ाती रही थी – उसे तो अब याद तक नहीं था! “छोटे की विडंबना ये है शशांक...
जंगल में दंगल महा पंचायत छह

जंगल में दंगल महा पंचायत चार

काग भुषंड ने अपने हाथियों के साथ हुए समझौते का ऐलान कर दिया था। जंगल की हवा थर्रा गई थी। एक शोर और एक शांति साथ साथ जंगल में टहलने लगे थे। जहां कुछ खेमों में खलबली थी वहीं कुछ खेमे बिलकुल शांत थे! जोड़ तोड़ जमीन और जहन दोनों पर चल रही थी। और एक दौड़ भाग थी जो गुपचुप...