by Major Krapal Verma | Dec 10, 2021 | जंगल में दंगल
जंगलाधीश अपना लाल हुआ चेहरा लेकर चुपचाप बैठे थे। काग भुषंड ने भी अपनी जबान को लगाम दे दी थी। एक छोटा सा कलह युद्ध दोनों पक्षों को हताहत कर गया था। संग्राम जीतते जीतते सब हार कर बैठ गये थे। और एक आदमी था कि अब भी उन सब के लिए अजेय बना हुआ था। जब से आदमी को शत्रु मान कर...
by Major Krapal Verma | Dec 4, 2021 | जंगल में दंगल
“युद्ध की रूप रेखा का तनिक विस्तार से वर्णन हो जाए श्रीमान तो सुभीता रहेगा!” मणिधर ने जंगलाधीश को आदर सहित देखा था। “आप सेनापति हैं। आप ही मोर्चे संभालेंगे। ये तो हम सब जानते हैं लेकिन आप का सहयोग हम कब और कैसे करेंगे ये बात भी बताएं?” जंगलाधीश...
by Major Krapal Verma | Nov 20, 2021 | जंगल में दंगल
समाजवादियों की जीत हुई थी। इससे चुन्नी बहुत प्रसन्न हुई थी। उसने चोर निगाहों से लालू को घूरा था। शेर की दुम को पकड़े खड़ा ये गीदड़ कितना बुद्धिमान था – वह सोचे जा रही थी। लालू का समाजवाद अब आकर ही दम लेगा – ऐसा लगने लगा था। “बेबुनियाद है पालतू...
by Major Krapal Verma | Oct 31, 2021 | जंगल में दंगल
“मैं चाहता हूँ कि एक ऐसा प्रपंच तैयार करूं कि आदमी के सभी पालतू हुए जानवर, परिंदे और दरिंदे हमारे साथ मिल जाएं।” काग भुषंड ने एक पते की बात की थी और हवा में कबूतरों की तरह छोड़ दी थी। लेकिन जमा सभी पदाधिकारियों की समझ में कुछ भी नहीं आया था। लगा था काग...
by Major Krapal Verma | Oct 17, 2021 | जंगल में दंगल
काग भुषंड की बात सभी को कारगर लगी थी। मुगालते में ही मरेगा आदमी – यह बात सभी को जंच गई थी। “मौका यही है मित्रों!” लालू ने काग भुषंड का समर्थन किया था। “आदमी की आंख अब ऊपर लगी है तो हम सब मिल कर अब इसे स्वर्ग भेज देते हैं।” वह हंसा था।...
by Major Krapal Verma | Oct 13, 2021 | जंगल में दंगल
बिना विलम्ब किये पृथ्वी राज ने युद्ध की तैयारियां आरम्भ कर दी थीं। दिल्ली में बुलाया पहला समर सम्मेलन एक उल्लास की लहर की तरह पूरे दिगंत पर छा गया था। बड़े बड़े इरादों को बगलों में दबाए और बड़ी बड़ी इच्छाओं के पुलिंदे उठाए सभी पदाधिकारी पूरी तैयारी के साथ सम्मेलन में...