जंगल में दंगल समर सभा बारह

जंगल में दंगल समर सभा बारह

जरासंध की याद आते ही पृथ्वी राज उछल पड़ा था। अब काग भुषंड की खैर नहीं – उसने सोच लिया था। तेजी की आंखों में लौट आई चमक को भी नकुल ने पढ़ लिया था। अचानक ही एक शक्ति संचार जैसा हुआ था और एक विजय घोष अनचाहे में ही हवा पर तैर आया था। “महाराज की जय!”...
जंगल में दंगल समर सभा ग्यारह

जंगल में दंगल समर सभा ग्यारह

“क्यों? खोज की संभावनाएं तो हमेशा खुली होती हैं!” गरुणाचार्य ने लालू को घूरा था। “विकल्प तो हमेशा ढूंढना पड़ता है बंधु!” हंसे थे गरुणाचार्य। “सम्राट बनना चाहते हो तो ..!” गरुणाचार्य ने लालू के भीतर बैठा चोर पकड़ लिया था।...
जंगल में दंगल समर सभा दस

जंगल में दंगल समर सभा दस

“मैं तो हैरान हूँ ये देख देख कर कि ये संतो करती क्या है?” तेजी पृथ्वी राज और नकुल के साथ बैठकर अपने आश्चर्य बता रही थी। “न जाने कौन कौन से देवी देवताओं की पूजा करती रहती है। आए दिन कोई न कोई व्रत रखती है। हर रोज भूखे नंगों को दान बांटती है। कभी इस...
जंगल में दंगल समर सभा नौ

जंगल में दंगल समर सभा नौ

“जैसे शेर हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता वैसे ही आदमी भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता!” काग भुषंड अपनी शेखी बघार रहा था। “हम तो अजर अमर हैं!” उसने घोषणा की थी। “तुम्हें शक नहीं होना चाहिये चुन्नी कि हम एक दिन इस पृथ्वी के मालिक जरूर...
जंगल में दंगल समर सभा आठ

जंगल में दंगल समर सभा आठ

मणिधर और गरुणाचार्य साथ साथ बैठे किसी साठ गांठ में उलझे थे। उनकी बात बहती जा रही थी। उन दोनों को बुरा लग रहा था। एक सबल इरादे के साथ इकट्ठा हुआ समाज अब उसी इरादे से बहुत दूर जाकर खड़ा हो गया था। उनकी हुई दिमागी शिकस्त सबको बुरी लग रही थी। यों मुंह छुपा कर लौट जाने का...
जंगल में दंगल समर सभा नौ

जंगल में दंगल समर सभा सात

समर सभा के तंबू उखड़ रहे थे। हर आंख में काग भुषंड ही था जो एक किरकिरी की तरह करक रहा था। काग भुषंड ने तो गरुणाचार्य तक का अपमान कर दिया था। वह अपनी चतुराई और चालबाजियों से सब को मूर्ख बना कर चराचर का स्वामी बन जाना चाहता था। कितनी बेबुनियाद बात थी। “शेरों का शोर...