by Major Krapal Verma | Feb 1, 2022 | जंगल में दंगल
बिजली भी गुल होने लगी थी। सारे काम-काज धीरे धीरे ठप होने लगे थे। कल-कारखाने भी अपना जीवन दे बैठे थे जैसे। उन्हें चलाने वाला आदमी अशक्त था और बीमार हुआ उनके आसपास ही पड़ा था। पानी का संकट भी शुरू हुआ था। नलों में बहता स्वच्छ पानी एकदम बंद हो गया था। अब लोग कहां से लाएं...
by Major Krapal Verma | Jan 29, 2022 | जंगल में दंगल
काग भुषंड के पंखों पर जैसे बिजली आ बैठी थी। उसकी उड़ानें और भी तेज हो गई थीं। लड़ाई के सभी मैदान उसे एक साथ दिखाई दे रहे थे। हर मोर्चे पर जानवरों की विजय के संकेत मिल रहे थे। आदमी कांप रहे थे। आदमी अशक्त हुए सोच ही न पा रहे थे कि उनपर ये कौन सी गाज गिर रही थी। अगर...
by Major Krapal Verma | Jan 24, 2022 | जंगल में दंगल
चूंकि जरासंध की जिंदगी केवल सात दिन की थी अतः जंगलाधीश ने पूरे संग्राम को सात दिन में ही समाप्त कर देना था। कुल सात दिन में आदमी का सदियों से संजोया वैभव शून्य हो जाना था। धरती का नया रूप स्वरूप समस्त जानवरों के सामने आ खड़ा हुआ था। लहलहाते जंगल, स्वच्छंद पानी से...
by Major Krapal Verma | Jan 18, 2022 | जंगल में दंगल
जंगलाधीश की आंखों में खुशी उतर आई थी। उसने पूरे दरबार को संबोधित कर जुड़ने वाली जंग की रूप रेखा सामने रक्खी थी। “पूरी शक्ति का संचालन करने के लिए मैंने उप सेनापतियों के साथ मिल कर एक कारगर योजना तैयार की है।” जंगलाधीश गरजा था। “हमारे पहले लड़ाके बलम...
by Major Krapal Verma | Jan 15, 2022 | जंगल में दंगल
शेर को सवा शेर मिल गया था – जंगलाधीश ने प्रसन्न होकर एकबारगी काग भुषंड को देख लिया था। लेकिन उसे भी अपना कद आज चूहे पृथ्वी राज से भी छोटा हुआ महसूस हुआ था। आज के बाद तो वह शायद किसी भी जानवर को छू तक न पाएगा न उसे चीर फाड़ कर खा पाएगा और न ही शायद .....
by Major Krapal Verma | Jan 12, 2022 | जंगल में दंगल
आज दरबार पहली बार लगा था। नकुल ने हर तरह की तैयारियां की थीं। तेजी का दिमाग तेजी से चला था और नकुल को हर तरह की ऊंच नीच समझा कर पृथ्वी राज को हर तरह का सहारा और सहयोग देने का वायदा उसने ले लिया था। पृथ्वी राज भी आज एक नए अंदाज और अदा के साथ सिंहासन पर बैठा था। वह छोटे...