जंगल में दंगल संग्राम पंद्रह

जंगल में दंगल संग्राम पंद्रह

हुल्लड़ ने अब तक की स्थिति पर काबू पा लिया था। उसने अपने दस्तों को एक साथ टूट पड़ने के आदेश दे दिए थे। पुरानी सिखलाई के आधार पर वह तो जानता था कि आदमी हमला कैसे करता था। एक साथ, एकजुट और एकमत होकर किया हमला पार जाएगा – उसने घोषणा की थी। जंगलाधीश हाथियों की पीठ...
जंगल में दंगल संग्राम चौदह

जंगल में दंगल संग्राम चौदह

एक सन्नाटा लौटा था – पैदा हुई गर्मी को पीता हुआ सन्नाटा। एक चुप्पी ने उन सब के होंठ सिल दिए थे। किसी के भी पास लच्छी की विपत्तियों का उत्तर तो था ही नहीं। समुद्र मंथन से आती सफलता – हाथ से सरक गया एक सुअवसर ही था जहां आदमी परास्त होते होते बच गया था। आदमी...
जंगल में दंगल संग्राम तेरह

जंगल में दंगल संग्राम तेरह

न जाने कहां से चंद जहाज और कुछ हेलिकॉप्टर आसमान पर उड़ते दिखाई दिए थे। लालू ने उन्हें घूर कर देखा था। उसे हैरानी हुई थी कि ये फिर अपनी जान की बाजी लगाने आसमान पर क्यों चले आए थे? घमंडी इन्हें बख्शेगा तो नहीं? लेकिन आदमी मौत से नहीं डरता है – ये बात फिर एक बार...
जंगल में दंगल संग्राम बारह

जंगल में दंगल संग्राम बारह

पृथ्वी राज ने अपनी सामर्थ्य के बारे में जमा जोड़ लगाया था। बहुत बारीक एक रेखा पृथ्वीराज को नजर आई थी। लालू का समर्थन मिलना तो असंभव था। काग भुषंड के साथ हुल्लड़ खड़ा था। अब केवल गरुणाचार्य ही बचे थे। वो एक ऐसे महामुनि थे जो कि सहज हल निकाल सकते थे। “मैं चूंकि इस...
जंगल में दंगल संग्राम ग्यारह

जंगल में दंगल संग्राम ग्यारह

मणिधर को कुछ होश और कुछ होंसला लौटता लगा था। हुल्लड़ हुक्म मिलने के अनुसार ही धरती पर रेंगते आते उन जुगनुओं की तलाश में निकल पड़ा था। मस्त हाथियों के टोल के टोल धरा को रोंदते ही चले जा रहे थे। वह अजेय थे – ऐसा एहसास उन्हें हो रहा था। एक बार इस आदमी का कांटा निकल...
जंगल में दंगल संग्राम पंद्रह

जंगल में दंगल संग्राम दस

आदमी की होती तैयारियों की खबर शशांक का कलेजा चीरे दे रही थी। शशांक तो क्या सभी जानते थे कि आदमी कैसे लड़ता था। उसके पास लड़ने के लिए सेनाएं थीं। उसके पास गोला बारूद थे और तोपें और बंदूकें भी थीं। उसके पास तो लड़ाकू विमान तथा पानी के भीतर लड़ने वाली पनडुब्बियां तक थीं।...