by Major Krapal Verma | Jan 26, 2022 | मेरे संस्मरण - मेजर कृपाल वर्मा
आज 26 जनवरी 2022 है और कल की सी बात है – 26 जनवरी 1973! पूरा घटनाक्रम मुझे याद है। याद भी क्यों न हो – ये घटना थी भी अभूतपूर्व! हमारी रेजीमेंट 223 मीडियम 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के तोपखाने की सर्वश्रेष्ठ यूनिट का पद पा गई थी। और यही कारण था कि कुल...
by Major Krapal Verma | Jan 7, 2022 | मेरे संस्मरण - मेजर कृपाल वर्मा
सपना सोफे पर बैठी हुई थी। पूरा मैंस स्टाफ उसकी खातिरदारी में लगा हुआ था। वह सी ओ साहब की कुतिया – सॉरी माई फॉल्ट, सपना थी। फिर जैसे ही मेजर हैरी – माने हरिन्दर मैंस में अंदर आये थे, सपना उनकी गोदी में आ बैठी थी। ठीक उसी समय सी ओ साहब का आगमन हुआ था। सपना...
by Major Krapal Verma | Jul 9, 2021 | मेरे संस्मरण - मेजर कृपाल वर्मा
“क्या करोगे सिविल में जाकर?” कर्नल रनबीर सिंह प्रश्न पूछ रहे थे। पूरे डिवीजन को पता चल गया था कि मैं पेपर पुट अप कर रहा था और नौकरी छोड़ कर जा रहा था। बहुत सारे प्रश्न थे जिनके उत्तर दे देकर मैं थक गया था लेकिन फिर भी कर्नल रनबीर सिंह मुझे बताते ही रहे थे...
by Major Krapal Verma | Jul 3, 2021 | मेरे संस्मरण - मेजर कृपाल वर्मा
प्रातः स्मरणीय नाम – दुर्गा मेरी दादी श्री का था। भक्क सफेद परिधान में सजी वजी काठ के खड़ाऊं पहने, सफेद लम्बे बालों को फहराती और अपने लम्बे छरहरे बदन को संभाले वो देवीय स्वरूप लगती थी। उनके नाक नक्श भी बेहद आकर्षक थे। वो एक बड़ी जमींदार थीं और थीं बाल विधवा!...
by Major Krapal Verma | Jun 12, 2021 | मेरे संस्मरण - मेजर कृपाल वर्मा
हम दोनों एक साथ ही होस्टल में पहुंचे थे! और हम दोनों को देख देख कर वहां के सारे लोग हीं हीं खीं खीं कर चुपके चुपके हंस रहे थे और हमें बिरा भी रहे थे! दिलदार यार शेरा की सिली पोषाकों में मैं अजीब ही एक नमूना लग रहा था – मैंने स्वयं भी महसूस किया था। और शिव चरण तो...
by Major Krapal Verma | May 25, 2021 | मेरे संस्मरण - मेजर कृपाल वर्मा
यों पिटते पिटते आप पागल भी हो जायें तो कौन पूछता है? भैंस तो लाठी वाला ही ले जाएगा! जीतता तो बलवान ही है लेकिन लड़ेगा तो जरूर इंसान क्योंकि हैवानों की लड़ाइयां तो होती नहीं हैं! हमने अहिंसा का प्रयोग सफलता पूर्वक किया था और कहा था – ये रहा अमोघ अस्त्र और अब हमें...