सॉरी बाबू भाग पचासी

सॉरी बाबू भाग पचासी

दे दी आजादी हमें बिना खड़ग बिना ढाल – साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। पूरे देश में गांधी जी का आभार व्यक्त करने का सिलसिला जारी था। जन जन जानता था कि बापू के सत्य अहिंसा के आग्रह से भारत वर्ष आजाद हुआ है। अन्य समाजवादी या साम्यवादियों की तरह यहां खून की नदियां...
सॉरी बाबू भाग पचासी

सॉरी बाबू भाग चौरासी

शिखा की आंखों से चौधार आंसू चुचा रहे थे। आज 15 नवंबर 1949 का दिन था ओर अंबाला सेंट्रल जेल में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी पर लटका दिया गया था। 8 नवंबर 1949 के दिन कोर्ट ने फैसला सुनाया था। मुकदमा चला था – बड़ी तेज रफ्तार से चला था और आताल-पाताल से...
सॉरी बाबू भाग पचासी

सॉरी बाबू भाग तिरासी

मिली खुशखबरी खैरातों जैसी थी और शिखर के दिमाग में उझल कूद कर रही थी। शिखा कई दिनों से नहीं मिली थी। बहुत उदास निराश रहती थी आजकल। शिखर का मन था कि अभी इसी पल शिखा से मिले और उसके साथ खबर को बांटे। “रहा न गया तो चला आया।” शिखर ने शिखा को सबब बताया था।...
सॉरी बाबू भाग पचासी

सॉरी बाबू भाग बयासी

गांधी जी की हुई हत्या के बवंडर के बीचो बीच से वो दोनों चुपचाप भागे थे और शिलोंग आ कर दोनों ने दम लिया था। मौसी की मदद से शिखा को शिलोंग कॉलेज में एडमीशन मिल गया था और गर्लस होस्टल में रहने की व्यवस्था हो गई थी। शिखर को भी डॉन बॉस्को में अवैतनिक अध्यापक के पद पर...
सॉरी बाबू भाग पचासी

सॉरी बाबू भाग इक्यासी

नाथूराम विनायक पापी सच बतला हत्यारे महान आत्मा राष्ट्रपिता गांधी गोली से मारे – पूरे हिन्दुस्तान के आर-पार गीत बज उठे थे। प्रश्न ही प्रश्न थे। क्यों मारा गांधी को? गांधी ने क्या बिगाड़ा था इनका? गांधी ने तो सारे संसार के लिए सबक दिए थे। गांधी की अहिंसा, गांधी का...
सॉरी बाबू भाग पचासी

सॉरी बाबू भाग अस्सी

अल्लाह ईश्वर तेरो ही नाम – सबको सम्मति दे भगवान – गांधी जी की प्रार्थना सभा में भजन बज रहा था। गांधी जी को पांच बजे प्रार्थना सभा में आना था। सभा भवन उनके अनुयाइयों से खचा-खच भरा था। सभी अल्लाह और ईश्वर के एक होने के भजन को तल्लीन हो कर गा रहे थे। एक अजीब...