by Major Krapal Verma | Oct 26, 2020 | सॉरी बाबू
धारावाहिक – 19 रमेश दत्त मुझे एक लावारिस लाश की तरह मेरे घर की चौखट पर पटक कर चला गया था। मैं थी कि अभी भी गमों के महासागर में गाेते खा रही थी । आशा -निराशा के बीच में आ खड़ी हुई मैं – समझ ही न पा रही थी कि ….करूं तो क्या करूं ? पूर्वी विश्वास जी-जान...
by Major Krapal Verma | Oct 20, 2020 | सॉरी बाबू
धारावाहिक- 18 आजम गढ़ कासिम का गढ़ था। इसे अइयाशियों का अड्डा कहना भी ठीक होगा । किसी नवाब का दौलत खाना था – जो कभी इस का दादा -पर दादा रहा होगा । हवेलियां थी …किला था…न जाने कितने ख्वाबगाह …और जन्नत गाह थे …मस्जिद थी …कब्रगाह था...
by Major Krapal Verma | Oct 16, 2020 | सॉरी बाबू
धारावाहिक – 17 ‘बहुत -बहुत बधाइयां । मुबारकबाद । जहेनसीब – जो नेहा को इतना काम और नाम मिला है।’ रमेश दत्त मुझे प्रसन्न करने की कोशिश कर रहा था । ‘ये देखो । कितना शानदार फोटो है ?’ उस ने मेरा ध्यान आकर्षित किया था । ‘साहबज़ादे...
by Major Krapal Verma | Oct 13, 2020 | सॉरी बाबू
धारावाहिक – 16 मेरी समझ में नहीं आ रहा था, बाबू कि मैं अपनी इस अपावन जिन्दगी का अंत कैसे लादूं ? सच मानो बाबू कि मुझे तुम इन पलों में बहुत याद आये थे । मैंने मन ही मन जाना था कि अगर तुम होते तो मुझे शायद ही ये दिन देखना पड़ता ? तुम्हारी छत्र-छाया से दूर –...
by Major Krapal Verma | Oct 6, 2020 | सॉरी बाबू
धरावाहिक – 15 प्रश्न पैसे का है – प्रभा ने बता दिया था , मुझे । और जब मैंने आंख उठा कर देखा था तो आसमान साफ था । ‘तू जानती तो है , नेहा कि …इस घर में तो …न भुनीं भांग है …और न कड़वा तेल ।’ पूर्वी विश्वास – मेरी मॉं ने...
by Major Krapal Verma | Oct 4, 2020 | सॉरी बाबू
धारावाहिक – 14 ‘नवाबज़ादे’ फिल्म की घोषणा क्या हुई थी कि सारा दिगंत दहला उठा था । ‘देखो ।’ रमेश दत्त ने ढ़ेरों सामग्री मेरे सामने इकट्ठी कर दी थी । ‘अपना ये चित्र देखो , नेहा ।’ वह प्रसन्न था । ‘क्या प्रोफाईल है ?’...