by Major Krapal Verma | Nov 11, 2021 | सॉरी बाबू
कच्ची पक्की सड़क पर मचकोले खाता तांगा महुआ मोहनपुर जा रहा था। तांगे पर सवार नेहा और विक्रांत चुप थे। नेहा प्रसन्न थी। उसे अहसास हो रहा था कि बम्बई के उस तपते भाड़ से बाहर भाग वो एक मोहक एकांत में चली आई थी जहां अनमोल शांति का राज था! खुला खुला आसमान था। स्वच्छन्द बहती...
by Major Krapal Verma | Nov 5, 2021 | सॉरी बाबू
“किस उपलक्ष में है ये पार्टी?” प्रदीप ने पूछा है। “तुम्हारा बिहारी बबुआ – विक्रांत बॉलीवुड छोड़ कर भाग गया है।” नदीम ने बताया था। “वॉट ए रिलीफ़ यार!” उसने एक लम्बी उच्छवास छोड़ी है। “इस आदमी ने तो आतंक ही मचा दिया...
by Major Krapal Verma | Oct 29, 2021 | सॉरी बाबू
अन्यमनस्क बैठी मैं अनगढ़ आकाश को देख रही थी। मेरा मन बहुत अशांत था। “अपने छोटू को बिलकुल ही भूल गईं दीदी!” अचानक नमस्कार कर मेरे पैरों को छूते समीर को देख मैं दंग रह गई थी। “अरे तू!” मैं उछल पड़ी थी। सामने खड़े समीर को मैंने उठ कर बांहों में...
by Major Krapal Verma | Oct 24, 2021 | सॉरी बाबू
विक्रांत के ऑफिस में कलाकारों और फिल्मकारों की भीड़ भरी थी। सब चुप थे। सांस साधे बैठे थे। विक्रांत भी कुछ जमा जोड़ लगा रहा था। संगीन स्थिति थी। जो सूचनाएं पहुँच रही थीं – घातक थीं। प्रतिकार और प्रतिशोध की आग धीरे धीरे बॉलीवुड में फैलने लगी थी। एक जमघट था जो...
by Major Krapal Verma | Oct 20, 2021 | सॉरी बाबू
“मैंने अपने बाबू को मार दिया है।” वह सरेआम स्वीकार करती है – एडवोकेट तारकुंडे प्रेस को बता रही थीं। “लेकिन क्यों मारा ये नहीं बताती है। कैसे मारा यह भी जानती है लेकिन बताती नहीं है।” “झूठ बोलती हे नेहा!” रंगीला ने प्रतिवाद...
by Major Krapal Verma | Oct 16, 2021 | सॉरी बाबू
“सरकारी वकील ने बुलाया है!” सरोज ने नेहा को सूचना दी है। “चली जा! इंतजार कर रही है तेरा!” वह बताती रही है। “क्या हो सकता है?” नेहा ने स्वयं से प्रश्न पूछा है। वह कयास लगाने लगी है। “कोई दाल में काला हो सकता है क्या?” वह...