सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

“बोल! फांसी मिलेगी या उम्र कैद?” नेहा ने अचला से पूछा था। आज फैसले का दिन था। नेहा कोर्ट जाने के लिए तैयार थी। “उम्र कैद!” अचला ने हंस कर कहा था। “झूठ!” नेहा कूद कर अलग खड़ी हो गई थी। “तू तो चाहती है कि तेरा सहेला बना रहे!...
सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

सॉरी बाबू भाग एक सौ बीस

मौलाना अरब अमीरात का डैलीगेशन लेकर दिल्ली पहुँचे थे। चुनावों के नतीजे आने वाले थे। दिल्ली में एक विशेष प्रकार की गहमागहमी थी। पूरे देश के नेता और कार्यकर्ता दिल्ली में मौजूद थे। जीत हार की अटकलें लगाई जा रही थीं। हर किसी का अलग हिसाब था और अपने अपने आंकड़े थे। लेकिन...
सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

सॉरी बाबू भाग एक सौ उन्नीस

एक लंबी दौड़ भाग के बाद सुधीर ने जुहारी की लाश को खोज निकाला था। लाश की गर्दन पर विक्रांत की उंगलियों के निशान थे। जाहिर था कि विक्रांत ने ही जुहारी को मारा होगा। और अगर विक्रांत ने जुहारी को मारा था तो विक्रांत को किसने मारा था? उत्तर में बार बार कासिम बेग का ही नाम...
सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

सॉरी बाबू भाग एक सौ अठारह

लक्ष्मण रेखा पार करते ही नेहा को कासिम बेग ने हर लिया था और अब उसे विराट विमान में बिठा कर अपने स्वप्न लोक में लिए चला जा रहा था। कासिम का मन बल्लियों कूद रहा था। नेहा बगल वाली सीट पर बैठी थी। कासिम बेग नेहा के बदन से आती गर्मी को महसूस करने में लगा था। वह चाहता था कि...
सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

सॉरी बाबू भाग एक सौ सत्रह

“पोपट लाल – हाय हाय” के नारे पोपट लाल की कोठी के सामने लग रहे थे। “पोपट लाल – मुल्लों का दलाल!” लोग जोर जोर से गा रहे थे। “विक्रांत का हत्यारा पोपट लाल!” सरे आम लोग पोपट लाल को विक्रांत की मौत का जिम्मेदार बता रहे थे।...
सॉरी बाबू भाग एक सौ इक्कीस

सॉरी बाबू भाग एक सौ सोलह

तीस तारीख की सुबह जब रमेश दत्त आए अखबारों का पुलिंदा लेकर घर में घुसा था तो घर वालों के होश उड़ गए थे। “इस पागल ने .. इस गधे ने ये क्या कर डाला, नेहा!” रमेश दत्त ने करुण स्वरों में गुहार लगाई थी। “मैं .. मैं तो” वह पागलों की तरह एक्टिंग कर रहा...