तेरी शादी?

तेरी शादी?

बसों से उतरते ही उन सब को लगा था कि वो स्वर्ग में पहुँच गये थे! पुन्नू था ही इतना रम्य कि आदमी की आत्मा अचानक जाग उठती थी। हवा के मात्र स्पर्श से पूरी थकान गायब हो गई थी। पुन्नू के प्राकृतिक सौंदर्य को देख उन सब के मन प्रसन्न हो गये थे। सामने के ढलवान पर जड़ा बगीचा...
मेरे पापा

मेरे पापा

पूरी टीम ऑफिस में हाजिर थी। समीर खुश था। टीम के होंसले बुलंद थे। सबकी ऑंखों में ऐवरेस्ट का चित्र जा बैठा था। सब जल्दी में थे कि कब ऐवरेस्ट अभियान आरम्भ हो! लेकिन वक्त को तो अपने पैरों चलना था! “यहॉं लिखिये अपना नाम!” डेस्क पर बैठी युवती डॉक्यूमेंट्स पूरा...
मेरी मॉं

मेरी मॉं

“मैने मॉं, एवरेस्ट पर चढना है!” समीर ने आते ही कहना आरम्भ कर दिया था। “छुट्टियों में हम पुन्नू चल रहे हैं!” उसने सूचना दी थी। “वो तो मुझे अकेले को ही आने को कह रहे थे पर मैने जिद कर ली कि बिना मॉं को साथ लिये मैं न जाऊंगा!”...