by Rachna Siwach | Jun 28, 2019 | Uncategorized
कहते हैं.. दूध- घी का निकलना या फ़िर बिगड़ जाना अपशकुन होता है. अब होता है, या नहीं.. ये तो पता नहीं.. पर सुनिता इस बात में विश्वास रखने लगी थी। वैसे तो माँ से फ़ोन पर बातचीत से सुनीता को अनिताजी के बारे में तसल्ली नहीं हुई थी.. पर सोचा.. हो सकता है.. कि आवाज़ में...
by Rachna Siwach | Jun 28, 2019 | Uncategorized
” देखो माँ! नानी की फोटो..!!”। ” अरे! ये माँ की तस्वीर ऐसी-कैसे! वीडियो कॉल कर के देखा जाए!”। सुनीता ने भतीजे के द्वारा माँ की भेजी हुई फोटो देखकर कहा था। ” पता नहीं क्यों माँ की यह तस्वीर कुछ ठीक सी नहीं लग रही.. इसमें न जाने क्यों...
by Rachna Siwach | Jun 26, 2019 | Uncategorized
सुनीता के लाख समझाने पर भी घर में चिल्ला-चोट और हंगामा देख.. प्रहलाद ने दिल्ली जाने का फैसला ले लिया था.. ” मेरे पास थोड़े से पैसे हैं! मैं अपनी टिकट ख़ुद ही करवा कर दिल्ली चला जाऊँगा!”। प्रहलाद माँ के आगे बोला था। ” दिल्ली जाकर वहाँ नानी के घर क्या...
by Rachna Siwach | Jun 24, 2019 | Uncategorized
घर के बाहर बहुत ही बड़ा रेत का ढेर लगा हुआ था.. टीला सा बना हुआ था.. पड़ोस में मकान बनने वाला था.. उसी की तैयारी थी। रेत के ढेर पर बहुत दिनों से एक सूरी अपने नवजात शिशुओं को लिए लेटी रहती थी.. उस सूरी पर हम जब भी अपनी छत्त की आगे दीवार पर खड़े हुआ करते.. नज़र पड़ ही...
by Rachna Siwach | Jun 21, 2019 | Uncategorized
प्रहलाद का बैंगलोर दाखिला नहीं हो पाया था.. सुनीता और प्रह्लाद दाखिला न होने से बेहद निराश हो गए थे.. पर इस बात का रमेश पर कोई भी फ़र्क नहीं पड़ा था। एक तरह से रमेश प्रहलाद के दाखिला न होने की वजह से ख़ुश था.. सोच तो वही थी,” चलो! हिस्से के पैसे बच गए!”।...