मुखौटे

मुखौटे

“मैनी-मैनी हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे।” लोकेन्द्र ने बैठक में अंदर आते ही कहा था। लोकेंद्र, रानी और रंजीत की शादी की सालगिरह पर फूलों का महकता गुलदस्ता और लाल डिब्बे में बंद कफ लिंक्स ले कर आया था। रानी ने साभार फूलों के गुलदस्ते को स्वीकारा। सेंट की खुशबू...
स्वामी अनेकानंद भाग 2

स्वामी अनेकानंद भाग 2

“गुरु। वो तो फिर आ गया।” कल्लू शोर मचा रहा था। “पांच रुपये मांगेगा!” कल्लू का डर था। “कदम तो साला खाली जेब आता है घर से । और मेरे पास पैसे हैं नहीं।” कल्लू की मुसीबत थी। “लड़ाई होगी गुरु।” कल्लू ने अंजाम बताया था।...
स्वामी अनेकानंद भाग 2

स्वामी अनेकानंद भाग 1

“नौकरी की तलाश है?” कल्लू ने उस झुकराते युवक से पूछ लिया है। उसे लगता है कि ये कोई बेकार भटकती आत्मा है। “कल इंटरव्यू है।” वह युवक बोला है। “कहते हैं कि .. नौकरी ..” “प्रश्न पूछ लो!” कल्लू ने तुरंत उसे तरीका सुझाया है।...
स्पर्श भाग 5

स्पर्श भाग 5

बसंत को लेने वसुंधरा सांताक्रूज हवाई अड्डे पर स्वयं आई है। बसंत की लग्जरी कार में बैठी वसुंधरा गहरे सोच में डूबी है। उसकी आंखों में अजब सी बेचैनी भरी है। फ्लाइट वन टू फोर पहुंच रही है। वसुंधरा भीमकाय जम्बोजैट को हवाई पट्टी पर उतरते देख रही है। जहाज सामने आ कर रुका है।...
स्पर्श भाग 5

स्पर्श भाग 4

बसंत बिजनिस के सिलसिले में हांगकांग आया हुआ है। हांगकांग उसके लिए भोग भूमि है। यहां आ कर वह खूब मौज मजा करता है। वह महसूसता है कि आदमी की इच्छाएं भी अजगर जैसी होती हैं, जिनके पेट में सब कुछ समा जाता है। लेकिन न जाने क्यों अबकी बार बसंत बहुत संयम बरत रहा है। उसने अपने...