by Major Krapal Verma | Jul 27, 2025 | रजिया
आज समर कोट लौटते जालिम का मन लौटना न चाहता था। वह तो कभी दिल्ली तो कभी हैदराबाद की गलियों में डोल रहा था। न जाने क्यों जालिम का मोह दिल्ली में फस गया था। दिल्ली युगों से चली आ रही एक सांस्कृतिक धरोहर जैसी थी। न जाने यहां कितने आए और कितने गए। कौन जीता – कौन...
by Major Krapal Verma | Jul 25, 2025 | रजिया
“सो द ट्राएंगल इज क्लोज्ड।” सर रॉजर्स ने हंसते हुए कहा था। “पहली जीत है।” उन्होंने पुष्टि की थी। “अमेरिका जालिम के घर में घुस गया।” वो जोरों से हंसे थे। “कहां जाएगा जालिम ..?” “पर पकड़ा जाए तभी है।” बरनी ने...
by Major Krapal Verma | Jul 11, 2025 | रजिया
“जस्ट फ्यू मंथ्स माेर।” जालिम ने राेलेंडाे की आवाज सुनी थी। अभी 9 दिसंबर था। 19 अप्रेल के आने में समय था। उससे पहले ताे 36 हजार टन ड्रग्स का कंसाइनमेंट जालिम के पास पहुंच जाना था – यह जालिम का अनुमान था। 19 अप्रेल की जन क्रांति में 36 हजार टन के...
by Major Krapal Verma | Jul 10, 2025 | रजिया
जालिम दिल्ली से हैदराबाद जा रहा था। आज वह अजीब तरह से राेमांचित था। दिल्ली में जाे पीछे छूट गया था जालिम काे बार-बार याद आ रहा था। हाकिम साहब से इस बार उसने नएला काे खरीदा और जाे खरीदना था वाे नहीं लिया और न उसका जिक्र किया। क्याें? “शहंशाह जहांगीर...
by Major Krapal Verma | Jun 29, 2025 | रजिया
कमरे में जब ट्रे भर कर नाश्ता आया था तो सोफी का मन खिल उठा था। उसे जोर की भूख लगी थी। उसने बिना विलंब किए नाश्ता निबटाया था। वह जानती थी कि गुलाम अली आने ही वाला था। गुलाम अली की भी नींद जल्दी ही खुल गई थी। उसने भी आज अपने सपने को साकार होते खुली आंखों देख लिया था।...