by Verma Ashish | Jul 27, 2018 | Festivals Of India
आज गुरु पूर्णिमा है .. यह त्यौहार गुरु को समर्पित है और इस दिन शिष्य अपने गुरु का धन्यवाद करते है, उनका आदर सत्कार करते हैं| मुख्यतः इसे पुरे भारतवर्ष में और नेपाल में मनाया जाता है| जहाँ भी हिन्दू हैं और भगवन बुध के अनुयायी हैं वहां गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है| महर्षि...
by Verma Ashish | Feb 28, 2018 | Uncategorized
ब्रज का कान्हां ……!! भीड़ क्यों इकट्ठी हो रही है ….? अरे, रे ..! क्या हुआ …! हुआ क्या …जो अवलाओं के हाथों में लाठियां हैं …? आँखों में क्रोध …..नहीं , नहीं रोष ….नहीं,नहीं …आक्रोश …..अरे , नहीं यार !...
by Verma Ashish | Apr 9, 2016 | From The Books
नरेन्द्र से इतना क्यूँ जुड़ना चाहतीं थीं वह ? क्यों चाहा उन्होंने उस से अपनी कोख से उपजे बेटे का सुख ? रात का शांत शहर उन्हें चिताओं से पटा शमशान लगता है | उन का दिमाग अब आकाश-पाताल तक खुल गया है | बाहर का सब तो बंद है लेकिन न जाने कैसे उन का भीतर टुकड़े-टुकड़े हो गया है...
by Verma Ashish | Apr 2, 2016 | From The Books
सुलभा और नरेन्द्र को एक दुसरे से प्यार हो जाता है | प्रेम की कोई उम्र नहीं होती | प्रेम की कोई जाती भी नहीं होती | प्रेम होने के लिए कोई विशेष स्थान भी दरकार नहीं होता | प्रेम होना तो एक ऐसी घटना है जो स्वयं में ही विचित्र है | इसके होने के लिए, घटने के लिए, पनपने के...
by Verma Ashish | Mar 29, 2016 | From The Books
“बच्चा पैदा होना ही तो .. पुरुष और नारी के संबंधों की पूर्णता का प्रतिक होता है .. प्रताप |” मैने बहुत ही विनम्र स्वर में कहा था | “कौन से संबंधों की बात कर रही हो ..?” प्रताप ने घुर्रा कर पूछा था | “जो हमारे बीच अनजाने में स्थापित हो गए...