चलल बा आदमिन क रेला
माघ क मेला आईल बा
आज बा अमौसा क नहान
चलल बा बूढ़े संग जवान
आपन धोवे खातिर पाप
चलत बा करत करत ऊ जाप
आज संगम में नहाके
करिह पावन सब अपनाके
भरिल गंगाजल क डब्बा
कहत हैं देखा दद्दा
लइके जात हैं मेला घूमे
बुढ़ऊ कीर्तन सुनिके झूमें
एक ओर बा चाट समोसा क ठेला
दूसरे ओर बा देखा झूला
आगे बा और दुकान
औरत सब लेत बाटिन वह सामान
चहुँ ओर चलत भंडारै
जा थै सब भोजन करै
आज क खतम हो गइल मेला
कल से फिर शुरू जीवन क झमेला।

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