साल बदला नजारे वहीं हैं
वक्त बदला इरादे वहीं हैं
बदला है मौसम पर मंजर वहीं है
बदला है घाव पर खंजर वहीं है
नया कुछ नहीं है यहां सब वही है
हवा में घुला हलाहल वही है
नए साल पर ये वादा करे हम
पुराना नहीं नया कुछ करे हम
इंसानियत को फिर से जिंदा करे हम
इसी राह पर सदा ही बढ़े हम।