“सो द ट्राएंगल इज क्लोज्ड।” सर रॉजर्स ने हंसते हुए कहा था। “पहली जीत है।” उन्होंने पुष्टि की थी। “अमेरिका जालिम के घर में घुस गया।” वो जोरों से हंसे थे। “कहां जाएगा जालिम ..?”
“पर पकड़ा जाए तभी है।” बरनी ने प्रतिवाद किया था। “खबर खुशखबरी से बड़ी है, सर।” बरनी ने चिंता जताई थी। “जालिम का तो आकार प्रकार ही ..।”
“ऊपर से आपका हुकुम।” माइक भी बोल पड़ा था। “उसे जिंदा पकड़ लाना असंभव है सर।” माइक ने हाथ झाड़े थे। “अभी तक की खबरों से तो जाहिर है कि जालिम दो चार के वश आना भी मुश्किल है।”
“लैट्स किल हिम सर।” लैरी बोल पड़ा था।
“नोप।” सर रॉजर्स ने हाथ उठा कर विरोध किया था। “ये तो ब्लंडर हो जाएगा लैरी।” उन्होंने हिदायत दी थी। “जालिम को गोली लगते ही सारा दोष अमेरिका के सर आ जाएगा। अमेरिका पहले से ही बदनाम है। पब्लिक का विश्वास खो देना ..” सर रॉजर्स ने अभी तक शांत बैठे टैड की ओर देखा था।
“जनमत अमेरिका के खिलाफ है।” अब टैड ने बात संभाली थी। “जालिम की टीम ने जन-जन तक जा कर अमेरिका वालों को बदनाम किया है। नाओ अमेरिका इज ए विलेन।”
रात के दो बजे थे। परम गुप्त स्थान पर स्काई लार्क की मीटिंग हो रही थी। मीटिंग में कुल पांच लोग थे। सर रॉजर्स और टैड के अलावा बरनी, माइक और लैरी शामिल थे। मीटिंग का मकसद ऑपरेशन स्पाई फ्रंट को सरकारी जामा पहनाना था। सब कुछ टैड की निगाह के नीचे चलना था।
“डॉलर को कागज की नाव बता कर पब्लिक प्लेसों पर खिल्ली उड़ाई जा रही है।” टैड ने प्राप्त सूचना को साझा किया था। “हथियार बेच कर घन कमाना और देशों को आपस में लड़ाने को अमेरिका की चाल बता कर बदनाम किया जा रहा है।”
“जालिम भगवान है, जालिम मसीहा है और जालिम के राज में कोई भी भूखा नंगा न रहेगा। जालिम तो सोने की गिन्नियों और अट्ठन्नियों की वर्षा करेगा। हीरे जवाहरात जनता में बांटेगा। जालिम जैसा शासक ही जनता को चाहिए – अमेरिकन जैसे अइयाशों की जरूरत नहीं है। इस तरह की अफवाहें आम चल रही हैं।” लैरी ने भी चलती अफवाहों की बातें बताई थी।
“भारत में भी तो यही हुआ था।” बरनी उदास था। “गांधी ने ब्रिटिश से सत्ता छीन ली। लोग घरों से निकल सड़कों पर आ गए और ..”
“लोग नहीं बरनी भारत की तो सेना सड़कों पर आ गई थी।” टैड मुसकुराया था। “लोग ये बात जानते नहीं हैं। विद्रोह आर्मी ने किया था और ब्रिटिश विवश हो गया था। उनके पास सेना का मुकाबला करने के लिए सेना न थी। और जो सेना थी वो गांधी की थी।” हंस पड़ा था टैड। “ये खेल बड़ा ही निराला है भाई।”
“लेकिन चीन की आर्मी तो चीन की थी। उन्होंने अपने लोगों पर अपनी आर्मी चढ़ा दी। नतीजा – पब्लिक का श्राप लग गया चीन को। आत्म विश्वास खो बैठा देश।” सर रॉजर्स ने फिर से सत्ता की नई व्याख्या की थी।
“हमारी आर्मी हमारी है – तो क्या हमें ..?” लैरी का प्रश्न आया था।
“करिए इस्तैमाल। हम भी अपनी मिलिट्री का इस्तैमाल करेंगे बट इन ए लिमिटिड वे।” टैड बताने लगा था। “पहले कमांडरों को कैद करेंगे फिर व्यवस्थापकों को मार गिराएंगे और अंत में जनता को समर कोट का सोना और घन माल दोनों हाथों से लुटाएंगे।” जोरों से हंसा था टैड। “जालिम कहां गया कोई नहीं जानेगा।” उसने बात का तोड़ कर दिया था।
चारों मैंबरों ने मिल कर तालियां बजाई थीं।
सुबह के चार बजने को थे। मीटिंग का आज का मसला तय हो गया था। अगली रात फिर से मीटिंग होनी थी। अगली मीटिंग में स्पाई फ्रंट का एक्शन तय होना था। इसकी तैयारी लैरी ने करनी थी और बरनी भी जानता था कि एक्शन प्लान एग्जीक्यूट करने की उसकी जिम्मेदारी थी। अत: वह खबरदार हो गया था।
माइक अभी भी मान नहीं पा रहा था कि जालिम को इतनी आसानी से पकड़ कर कहीं गायब कर दिया जाएगा।
लेकिन सर रॉजर्स और टैड बहुत पुराने खिलाड़ी थे – माइक यह भी जानता था।
“समर कोट को परम सुरक्षित, गुप्त और अजेय मानते हुए जालिम ने मुख्य नर्व सेंटर ब्रिटेन को बनाया है।” बरनी बताने लगा था। “गोल्डी – जालिम का बड़ा बेटा इस नर्व सेंटर का सूत्रधार है। गोल्डी भारत के गांधी की तर्ज पर शस्त्र विहीन जनक्रांति लाने में संलग्न है। गोल्डी कई मायनों में अपना जोर नहीं रखता। और जो सामरिक सिस्टम उसने तैयार किया है – अजेय लगता है।” बरनी ने आंख उठा कर सर रॉजर्स और टैड को देखा था।
दोनों अनुभवी और पूर्व सैनिक अविचल बैठे थे।
“लेकिन जीत अंत में अमेरिका की होगी।” बरनी ने तनिक हंसते हुए कहा था। “पूरे विश्व स्तर पर अमेरिका के आठ सौ मिलिट्री बेस हैं। इसका अर्थ है कि कहीं भी बिना अमेरिका की इजाजत के पत्ता भी नहीं हिल सकता। अमेरिका की ग्यारह मिलिट्री कमांड हैं। ये मिलिट्री कमांड पूरे विश्व की पूर्णतया मालिक हैं। और अमेरिका का खुफिया तंत्र भी सो नहीं रहा है। फिर भी अगर जालिम ..?” बरनी तनिक रुका था।
पांचों बोर्ड मैंबर गंभीर थे। जालिम अलग किस्म का एक खतरा था और अमेरिका किसी भी कीमत पर आर्मी को आगे न लाना चाहता था।
“टैल मी योर प्लान बरनी।” टैड ने मांग की थी।
“सर, हमारी प्लान बहुत सिंपल है।” बरनी तनिक मुसकुराया था। “काला घोड़ा – माने कि स्पाई फ्रंट का कोड वर्ड होगा।” बरनी ने बताया था। “काला घोड़ा कोड वर्ड जैसे ही कोड पर आता है हमारे सभी स्लीपिंग सैल एक्टिव हो जाएंगे। इसका सीधा-सीधा अर्थ होगा कि ऑपरेशन स्पाई फ्रंट आरंभ हो गया।” बरनी अब गंभीर था।
“एंड जालिम ..?” सर रॉजर्स ने पूछा था। उन्हें चिंता थी जालिम के पकड़े जाने की।
“काला घोड़ा – मतलब कि .. जालिम से जंग।”
“बाकी लोग क्या करेंगे?” माइक का प्रश्न आया था।
“सबसे पहले ग्यारह कमांडरों को हिरासत में ले लिया जाएगा।” बरनी बताने लगा था। “उसके बाद सभी व्यवस्थापकों को गोली मार दी जाएगी। और फिर पब्लिक में जालिम की दी सोने की इकन्नियां और अट्ठन्नियां बांटी जाएंगी। जालिम की हार का जश्न मनाया जाएगा। अमेरिका जीत जाएगा।”
चारों मैंबरों में से किसी ने भी ताली नहीं बजाई थी।
“मेरा प्रश्न।” टैड बोला था। लूट के लिए माल कहां से आएगा?”
“माल जालिम ने उन्नीस अप्रैल से पहले-पहले ग्यारह ठिकानों पर पहुंचा देना है। हमारा डी डे 9 अप्रैल है। हमें उम्मीद है कि माल हमें ठिकाने पर मिलेगा।” बरनी हंसा था। “उसी का जूता – उसी का सर।”
बरनी के अलावा और कोई नहीं हंसा था।
“मेरा प्रश्न।” लैरी बोल पड़ा था। “जालिम को जिंदा कौन अरैस्ट करेगा?”
बरनी चुप था। सारे मैंबर्स चुप थे। जालिम के बारे में अब सब को सब मालूम था। वह महा बली था। वह जालिम था। वह दो-चार के वश में भी आने वाला नहीं था। समर कोट में जालिम के आस पास कुल चार लोग थे। सोफी, राहुल, बतासो और कालिया – इन चारों को भी अगर मिल कर लड़ते देखते हैं तो भी बात नहीं बनती।” लैरी समझा रहा था।
“लैरी।” सर रॉजर्स बोले थे। “तुम अपनी टीम को अंडर एस्टीमेट कर रहे हो माई सन।” उनका उलाहना था। “टैड!” उन्होंने बात मोड़ी थी। “हमने वियतनाम की लड़ाई में – कुल दो सैनिकों ने ..?”
“वी आर अमेरिकन्स, लैरी।” टैड बोला था। “अमेरिका महान बातों से नहीं बना बेटे – कुर्बानियों से बना है।”
कांटे की बात भावनाओं में बह गई थी।
“क्यों न मूडी को कहा जाए समर कोट पर हमला करे और जालिम को बंदी बना ले।” माइक ने बात आगे बढ़ाई थी। “जालिम समर कोट में बेखबर बैठा होगा। अचीव ए सरप्राइज।”
“हम समर कोट जीत लेंगे बेशक, माइक। जालिम भी पकड़ा जाएगा। लेकिन जो इसकी प्रतिक्रिया उस ग्लोबली मोटीवेटिड जन मानस पर होगी उसका अनुमान लगाओ?” सर रॉजर्स ने पूछा था।
“हम उस हाल में अमेरिका को बचा नहीं पाएंगे माइक।” टैड ने सर रॉजर्स का समर्थन किया था। “हमें मिलिट्री ऑपरेशन से परहेज करना ही होगा।” यह तय हो गया था।
सुबह के चार बज गए थे। मिटिंग अगले दिन के लिए स्थगित हो गई थी।

मेजर कृपाल वर्मा रिटायर्ड