“रूस का हवाई अड्डा तबाह कर दिया है।” मिली सूचना मेरी डेस्क काे हिला कर धर देती है। मैं विस्तार से लिखी खबर काे ध्यान से पढ़ती हूॅं। लगता है जैसे किसी ने वर्षाें पहले से इस घटना काे साेचा हाेगा, संजाेया हाेगा और फिर आकर इसे अंजाम दिया हाेगा। “इस तबाही काे लाने वाला एक भी बंदा नहीं बचा है। उन के शरीराें के टुकड़ाें काे जाेड़ ताेड़ कर कुल इतना पता चला है कि शायद ..”
“ये पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले कर आए थे।” लैरी बता रहा था। “हाईली माेटीवेटिड मैन!” वह गंभीर है। “कमाल है कि एक आदमी अपने आप काे बम बना कर सरे आम चिथड़े-चिथड़े हाे कर हवा में उड़ जाता है और ..?”
“ये काैन सी गाेली खाता हाेगा .. जाे ..?” मूडी भी प्रश्न करता है।
“जिहाद – माने धर्म युद्ध!” बरनी एक संभावना काे सामने रख देता है।
“लेकिन ये धर्म युद्ध है किसके खिलाफ? इनका दुश्मन है काैन? और ये काैन हैं! चाहते क्या हैं?” लैरी के भी अपने प्रश्न हैं।
अब प्रश्न ही प्रश्न हैं हमारे पास। लेकिन उत्तर ताे किसी के भी पास नहीं हैं।
“फ्रांस में ट्रेन दुर्धटना हाेत-हाेते बची है। वरना ताे न जाने कितने बेगुनाहाें की जानें जातीं।” मूडी दूसरी मिली खबर काे भी हम सब के सामने तान देता है।
“और अगला इन का हमला अमेरिका पर हाेना है।” बरनी और भी सूचना देता है। “इनपुट है कि इन्हाेंने यहीं पर ह्यूमन बम तैयार कर दिए हैं। वह हम में से ही हैं – हमारे ही बीच, हमारी ही तरह रह रहे हैं। शांत हैं। माैके और इशारे के इंतजार में हैं। जैसे ही ..”
“जालिम इशारा करेगा ये लाेग आई मीन ये ह्यूमन बम बने लाेग, देश में तबाही ला देंगे?” मैं प्रश्न पूछ लेती हूॅं।
“जी हां।” बरनी स्वीकारता है।
“ताे फिर हम क्या करें?” मैं फिर से पूछ लेती हूॅं।
“इंतजार ..! आई मीन – तबाही आने का इंतजार।” लैरी मजाक करता है।
लेकिन इस किए मजाक पर हम में से काेई भी नहीं हंसता है। कैसी विडम्बना है यह? हम कितने समर्थ हैं – यह केवल हम ही ताे जानते हैं। लेकिन हमारी असमर्थताएं भी ताे हैं। जैसे कि हम पता ही नहीं लगा सकते हैं कि हम में से काैन लाेग हैं जाे ह्यूमन बम बने बैठे हैं?
“जरूर काेई न काेई दुख हाेगा इन लाेगाें काे जाे यह इस तरह जान देते हैं और जान लेते हैं।” अब मैं स्वयं साेच रही हूॅं। “वरना ताे काेई खाता पीता आदमी मरेगा भी क्याें? और वह भी इस तरह के ..?”
“क्या काेई रूस जा रहा है?” मैं पूछती हूॅं।
“नहीं!” बरनी नाट गया है।
“और फ्रांस ..?” ये मूडी का प्रश्न है।
“जाना चाहते हाे?” लैरी उससे पूछता है।
“क्याें? हर्ज भी क्या है? शायद काेई सुराग फ्रांस से ही मिले?” वह अपनी दलील देता है।
“लैट द बाॅस डिसाइड – दिस टाइम।” बरनी बात काे ढीला छाेड़ देता है।
मुझे यही बात हर बार अखर जाती है। हर बात बाॅस ही डिसाइड क्याें करता है? हर काम काे बाॅस ही अंजाम क्याें देता है? हम सब मिल कर काेई निर्णाय क्याें नहीं ले पाते?
“बार-बार बाॅस इस जालिम काे ठंडे बस्ते में डालता है और इसे फाइलाें के बीच में दफना देता है। लेकिन यह जालिम किसी भूत की तरह हर बार दुनिया के एक न एक काेने पर जा कर जिंदा हाे जाता है। अब देखाे! राष्ट्रपति तक की नींद हराम है। अब इस बार काैन सी कहानी देगा बाॅस?”
“जालिम काे ढूंढ़ाे!” ऊपर से आदेश आ रहे हैं। “कर क्या रहे हाे तुम लाेग?” अब ताने उलाहने आने लगे हैं। “यह सब ताम झाम और यह समूचा डिपार्टमेंट कर क्या रहा है?”
अमरीका काे अपने इस डिपार्टमेंट पर गर्व है। इस डिपार्टमेंट ने बड़ी से बड़ी घुंडियां सुलझाई हैं। लेकिन अब आकर यह जालिम की घुंडी इतनी उलझ गई है कि पूछाे मत।
दुनिया के हर काेने पर, हर छाेर पर हमारी आंख, कान और साेच समझ बैठे मिलेंगे। हम घटना, हर खबर और हर विचार जाे भी जन्म लेता है हम तक पहुंचता जरूर है। हर आदमी पर हमारी आंख है। हम उसकी औकात काे आंक कर चलते हैं। लेकिन न जाने कैसे अभी तक हमारे इस जालिम के साथ तार नहीं भिड़ पाए हैं।
मेरा मन फिर से मचल रहा है। मैं उतावली बावली हाे रही हूॅं। मैं किसी तरह से भी इस जालिम काे कहीं से भी पकड़ कर राष्ट्रपति के सामने नाश्ते के साथ पराेस देना चाहती हूॅं। लेकिन ..
“वैलेंन्टाइन्स डे की टेबुल कहां बुक कराऊं साेफी?” राॅबर्ट का फाेन है। “मेरा मन ताे फ्रांस में फसा है।”
“गाे अहैड!” मैं तपाक से राॅबर्ट काे इजाजत दे देती हूॅं। मैं भी अपनी जान बचा कर भागती हूॅं। साेचती हूॅं – अपना यह जन्म मैं ही क्याें गंवाऊं? “खूब नाचेंगे .. खूब गाएंगे राॅबर्ट।” मैं कह रही हूॅं। “एंड लिसिन ..”
“तुम फ्रांस जा रही हाे।” बरनी का आदेश आता है। “बाॅस चाहते हैं कि तुम फ्रांस जा कर यह पता लगाऒ कि यह लाेग जाे पकड़े गए हैं इनके पास क्या काेई क्लू हैं, जाे हमें हमारी मंजिल तक ले जाते हैं।” बरनी मुझे मेरा मिशन समझाता है।
“लेकिन कैसे ..?” मैं बौखला गई हूॅं। मैं अब भावुक हूॅं। मैं एक भंवर में आ फसी हूॅं। मैं कुछ साेच ही नहीं पा रही हूॅं।
“याॅर ब्यूटी इज याॅर वैपन साेफी।” बरनी हंस कर कहता है। “ब्यूटी की मार से आज तक काेई नहीं बचा है।” वह उंगलियां नचा कर कहता है। “किल दैम।” वह कुछ इशारा जैसा करता है। “आई मीन – लव दैम एंड गैट दैम ऑन याॅर हुक। सैलिब्रेट याॅर वैलेंटाइन डे विद दैम डियर।”
सब के सब लाेग जाेराें से हंस पड़े हैं। लेकिन मेरी हंसी गायब है। फ्रांस जाने के इस मिशन पर मैं खुश नहीं हूॅं। लेकिन अब घबरा भी रही हूॅं। क्याेंकि यह मेरा पहला ही मिशन हाेगा।
“पत्रकार बन कर मिलाे उन से।” लैरी मुझे तरकीब सुझाता है। “उनकी सुनाे एंड टेक दैम इन याॅर काॅन्फिडेंस एंड दैन – उन पर डाेरे डालाे। मार दाे सालाें काे हुस्न के जादू से।” वह एक बेतुकी हंसी हंसता है।
अब राॅबर्ट का क्या हाेगा? बहुत नाराज हाे जाएगा राॅबर्ट। मगर उसे साथ ले भी जाऊं ताे उसे मेरा यह नाटक पसंद नहीं आएगा। वह ताे चाहता ही नहीं कि ..
“लेकिन जा कहां रही हाे ये ताे बताऒ?” राॅबर्ट है कि मुझे पूछे ही जा रहा है।
“मिशन पर।” मैं संक्षेप में उत्तर देती हूॅं।
“लेकिन कहां?” वह फिर जाेर दे कर पूछता है।
“जहन्नुम में और कहां?” मैं भी अब नाराज हूॅं। “मिशन मीन्स ..” मैं राॅबर्ट काे समझा देना चाहती हूॅं कि मिशन का मतलब हाेता है ..”
“मतलब कि – गायब?” राॅबर्ट प्रति प्रश्न करता है।
“हां, गायब ..! और कितना वक्त लगे यह भी नहीं पता।” मैं बात काे स्पष्ट कर देती हूॅं।
अब राॅबर्ट मुझे भूखी-भूखी निगाहाें से घूर रहा है। लेकिन मैं पलट कर भी उसे नहीं देखती हूॅं।
यह मेरा पहला प्रयास हाेगा। मैं चाहती हूॅं कि मेरा मिशन कामयाब हॊ। मैं चाहती हूॅं कि उन पकड़े गए लाेगाें के जहन में मैं इस तरह से प्रवेश करूं कि वह मुझे अपना मान लें। और यह मान लें कि मैं उनकी ही हूॅं। उनके राज मुझ तक उस समय तक नहीं पहुंचेंगे ..
“गिव दैम एन एस्केप प्लैन साेफी।” मूडी भी मुझे समझा रहा है। “एंड गैट दैम वेयर दे वाॅन्ट टु गाे। और वाे जहां जाएं समझ लाे कि उनका ठिकाना वहां है। और फिर उनके साथ रहना ..” अब वह चेतावनी देना चाहता है। “डाॅन्ट वरी आई विल बी याॅर शैडाे।” वह मुसकुराता है। “तुम तक काेई आंच नहीं आने दूंगा साेफी। घबराना मत।” वह मेरा हाेंसला बढ़ाता है। “गाॅड विलिंग तुम अवश्य ही कामयाब हाेगी।” वह हंस जाता है।
आज मेरे दिमाग में पहली बार एक चैन जैसा कुछ पड़ा है। मुझे लगा है कि मैं जालिम के बहुत करीब आन पहुंची हूॅं।
लेकिन हां! राॅबर्ट आज तनिक और भी दूर हाे गया है मुझसे!