असंभव अभियान किलर्स का संचालक काैन हाेगा – सर राॅजर्स के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न था। लाख काेशिशाें के बाद भी वाे काेई निर्णय नहीं ले पा रहे थे। अतः उन्हाेंने स्काई लार्क की मीटिंग बुलाई थी और अपना प्रस्ताव सब मैंबराें के सामने रख दिया था।

“एनी वाॅलेंटियर्स?” सर राॅजर्स ने मुसकुराते हुए प्रश्न पूछा था।

एक चुप्पी के सिवा और काेई उत्तर न आया था। सभी उपस्थित मैंबर्स एक दूसरे का मुंह ताकते रहे थे। प्रस्ताव भी कुछ आसान न था। मिशन किलर्स का मतलब था कि किसी की समझ में आ ही न रहा था। सीधा जालिम से जाकर भिड़ना था सब जानते थे। लेकिन किसी न किसी काे ताे ये जिम्मेदारी उठानी ही थी।

“गुड साेल्जर्स।” सर राॅजर्स ने कहा था और हंसे थे। “नैवर वाॅलेंटियर।” उन्हाेंने कहा था। “हमें भी यही सीख मिली थी आर्मी में मित्राें।” उन्हाेंने अपना अनुभव बताया था। “लेकिन किसी न किसी काे ताे मिशन किलर की कमान संभालनी ही हाेगी।” उनका तकाजा था।

बैठे मैंबराें के बीच एक छाेटी चकल्लस चल पड़ी थी और फिर सब शांत हाे गया था।

“आई हैव द आनसर।” अचानक साेफी खड़ी हाे गई थी। उसका स्वर गुरु गंभीर था। सब ने साेफी काे नई निगाहाें से देखा था।

एक बारगी सब जान गए थे कि साेफी जरूर ही राहुल का नाम लेगी। राहुल था भी काबिल, लड़ाका, जानदार और ईमानदार। राजपूत था राहुल। जालिम से जंग राेपने में राहुल पीछे न रहेगा – सब मान बैठे थे।

“मेरे विचार से मूडी काे मिशन किलर की कमान साेंपी जाए।” साेफी का सुझाव आया था।

इस बार एक दूसरे प्रकार की हलचल चल पड़ी थी। एक आश्चर्य की तरह उन सब ने मुड-मुड कर मूडी काे देखा था। मूडी असंपृक्त भाव से अविचल बैठा था। जैसे उस पर काेई प्रतिक्रिया ही न हुई हाे – ऐसा लग रहा था।

“क्याें? लेकिन क्याें नियुक्त करें हम मूडी काे मिशन किलर का संचालक?” अब सर राॅजर्स प्रश्न पूछ रहे थे। “ये मुकाबला सीधा जालिम से है, साेफी।” उन्हाेंने साेफी काे चेताया था।

“मूडी भी ताे अचूक निशानेबाज है।” साेफी ने उत्तर दिया था। “मैंने एक मिशन किया है मूडी के साथ। मुझे मूडी एनकाउंटर करने में सर्वश्रेष्ठ लगा था। एंड ही इज फुल ऑफ गट्स।”

“और हां। ये आदमी एक बड़ा जुगाड़ी भी है।” राहुल ने साेफी का समर्थन किया था। “बहुत ही काबिल आदमी है। ये आप काे लैटडाउन नहीं करेगा सर।”

मूडी के विराेध में काेई नहीं बाेला था।

“तुम क्या कहते हाे मूडी?” सर राॅजर्स ने मूडी से सीधा प्रश्न पूछा था।

“आप जाे भी जिम्मेदारी देंगे मैं निभाउंगा।” मूडी का सीधा और सपाट उत्तर था।

“मिशन किलर का मतलब जानते हाे, सन?” सर राॅजर्स ने बड़े लाढ से पूछा था मूडी काे।

“मैं खूब जानता हूॅं सर।” मूडी ने स्वीकारा था। “वैसे भी हमारी जान ताे हमेशा हथेली पर ही हाेती है।” उसने मुसकुरा कर कहा था। “मिशन किलर का मतलब है – ऑल ए हैल एंड फायर।” मूडी कह रहा था। “फटीग एंड लाइफ एंड डैथ – किसी भी मिशन की आउटकम हाेती है, सर।”

“आई विश यू ऑल द बैस्ट मूडी।” सर राॅजर्स ने सगर्व कहा था। “मुझे तुम से यही उम्मीद थी।” वह तनिक हंसे थे। “लैरी से सारे टिप्स ले लाे और चले जाऒ भारत। मेक ए कंप्रीहैंसिव प्लान, मूडी।” सर राॅजर्स का आदेश था।

चाय पीते-पीते सभी मैंबर्स बारी-बारी मूडी काे मिशन का लीडर चुने जाने पर मुबारकबाद दे रहे थे। अचानक मूडी काे भी एहसास हुआ था कि उसका पद और प्रतिष्ठा दाेनाें बढ़ गए थे। सभी लाेग उसे सम्मान दे रहे थे। सभी की शुभकामनाएं वह बटाेर रहा था और किसी काे भी शक न था कि वह मिशन में कामयाब न हाेगा। लेकिन मूडी स्वयं साेच में डूबा था। इस बार का मुकाबला आसान न था। उसे एक अंतरराष्ट्रीय विलेन काे मुकाबले में पछाड़ना था।

“ऑल द बैस्ट मूडी।” साेफी ने हाथ बढ़ा कर मूडी काे शुभकामनाएं दी थीं।

मूडी ने बड़े गाैर से साेफी काे देखा था। असाधारण थी साेफी – वह जानता था। और उसका दिया सुझाव भी सच था।

“तुमने मुझे फिर फसा दिया?” मूडी ने साेफी काे उलाहना दिया था।

“तुम मुझे फसा देना।” साेफी जाेराें से हंसी थी। “लैट्स बी ऑन द सेम बाेट मूडी।” उसने मजाक मारा था।

मिली सफलता की बटेर माइक के हाथों में आ फसी थी। लेकिन उसकी समझ में न आ रहा था कि उसे कैसे संभाले? एक चिंगारी जैसी थी मिली सफलता जो तनिक भी भड़क गई तो पूरे अमेरिका को ले बैठेगी – माइक जानता था।

“सर! ये देखिए अंगूठी – मेरा मतलब ऐंगेजमेंट रिंग जो जानी ग्रिप की हत्या के बाद बरामद हुई थी। और ये एक दूसरी अंगूठी भी है – जो इस शादीशुदा व्यक्ति की उंगली पर पहनी हुई है।” माइक सर रॉजर्स के सामने बैठा उन्हें प्राप्त प्रमाण दिखा रहा था। “ये दोनों अंगूठियां आर जस्ट द सेम। कोई फर्क हो तो बताए?” उसने पूछा था।

सर रॉजर्स लंबे पलों तक उन दोनों अंगूठियों को देखते परखते रहे थे। दोनों बिलकुल एक जैसी ही थीं। दोनों बेशकीमती थीं। दोनों में एक सा हीरा जड़ा था। दोनों बड़ी मोहक थीं। सर रॉजर्स को अंगूठी देख कर जॉनी ग्रिप – प्रसिद्ध प्रेम गीत गायक याद हो आया था। उसकी मौत की कहानी भी उन्हें याद थी। लेकिन दूसरा आदमी जो शादीशुदा था और वैसी ही अंगूठी पहने था – कौन था?

“अंगूठी तो दोनों समान हैं।” सर रॉजर्स ने अंत में माना था। “लेकिन ये आदमी कौन है, माइक?” उन्होंने पूछा था।

“मैंने नाम बता दिया तो आप मानेंगे नहीं।” माइक तनिक मुसकुराया था।

“क्यों? मुझे तो तुम पर पूरा यकीन है, माइक कि तुम ..”

“सर ये नाम ही ऐसा है कि आप यकीन ही न कर पाएंगे कि ..” माइक ने चुनौती दी थी सर रॉजर्स को। “और आप ही क्यों मैं भी तो नहीं माना था। मैंने तीन दिन लगाए इस आदमी की तलाश में। जब तक मैंने स्वयं इसे वही अंगूठी पहने नहीं देखा मैंने भी बात नहीं मानी थी।” माइक अब संभल कर बैठा था सर रॉजर्स के सामने।

“बताओ! नाम बताओ।” सर रॉजर्स ने आग्रह किया था।

“ये आदमी है – पीटर लेन सन ऑफ जीटर लेन – दि किंग ऑफ शेयर मार्केट एंड एन अमेरिकन टाइकून!” माइक ने ठहर-ठहर कर बयान किया था।

नाम सुन कर सर रॉजर्स भी दंग रह गए थे। उन्हें भी एक जोर का झटका लगा था। वह भी सहम गए थे। एक बार तो वह भी कहना चाहते थे कि ये हो ही नहीं सकता। लेकिन माइक ने सारे शक पहले ही निवारण कर दिए थे।

“और वो औरत ..?” सर रॉजर्स ने डरते-डरते पूछा था।

“डूडो की छोटी बहन है।” माइक ने बताया था।

“क्या नाम है?”

“असली नाम तो पता नहीं लेकिन जो नाम मैं लूंगा वो भी ..”

“बताओ-बताओ!”

“लिंडा केरोल!” माइक ने आहिस्ता से नाम बताया था।

“क्या?” उछल पड़े थे सर रॉजर्स। “ओह नो!” हतप्रभ हुए वो बोले थे। “लिंडा कैरोल इज ..” उन्होंने माइक को घूरा था।

“जी हां। शी इज द सेम वूमन – हीरोइन ऑफ ‘फेस द फो’ फिल्म जिसने तहलका मचा दिया था और सारे अवार्ड जीते थे।”

“मैंने तो कई बार देखी है ये फिल्म, भाई!” सर रॉजर्स असमंजस में थे। “लेकिन ये वूमन लिंडा कैरोल तो हो ही नहीं सकती – जालिम की बेटी। वॉट एन एक्टिंग भाई? गजब ढा दिए हैं इसने तो ..”

“अब और भी कितने गजब ढाएगी सर जरा सोचिए?”

“हां-हां! यस-यस! शी कैन ..” रुके थे सर रॉजर्स। “लैट मी टैल टैड।” उन्होंने फुर्ती से फोन उठाया था।

“नो सर!” माइक ने उन्हें हाथ पकड़ कर रोक दिया था। “ये गलती मत कीजिए।” माइक ने हिदायत दी थी। “गजब हो जाएगा सर। इसे हम दोनों के बीच ही रहने दीजिए। वरना तो अमेरिका तबाह हो जाएगा।” माइक ने सीधी चेतावनी दी थी।

सर रॉजर्स बेहोश होने को थे। वो माइक को घूरते रहे थे – बहुत देर तक। कहीं वो माइक के आभारी थे कि उसने इतनी जटिल घुंडी को खोल दिया था।

“ओके-ओके!” सर रॉजर्स मान गए थे। उन्हें माइक का सुझाव सही लगा था। “लैट्स लाई डोगो।” उनका भी मानना था। “इन द इंटरैस्ट ऑफ अमेरिका वी कीप साइलेंट।”

माइक और सर रॉजर्स के बीच ये पहला समझौता हुआ था।

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मेजर कृपाल वर्मा रिटायर्ड

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