झालमुडी

झालमुडी

झालमुडी…! झाल… झाल… झालमुडी….!! भेलपूरी…! भेलपूरी..! झालमुडी..!! झालमुडी और भेलपूरी बेचने वालों की आवाज़ें हुआ करतीं थीं.. जगह थी.. कलकत्ता की हुगली नदी के किनारे बाबू घाट। हर इतवार हम यहीँ परिवार सहित पिकनिक मनाने आया करते थे.. कोई भी इतवार ऐसा नहीं होता था.. जब...