मध्यप्रदेश के

भोपाल शहर का

नाश्ता बोला

पोहा! पोहा! पोहा! पोहा!

सवेरे खुशबू फैली हवा में

हरी मिर्च का तड़का बोला

राई चटकी

चिड़िया चहक़ी

भून गईं मूंगफली

आलुओं ने

प्रातः वंदन सा

बोला

दस-दस रुपए में

बिक रहे थे

दौने

नींबू के रस ने

स्वाद सा घोला

हरे धनिये की

खुशबू फैली

सकारात्मक सी

दुनिया में फैली

मस्त स्वाद

मस्ती से ला

रहा

नमकीन से सज कर

स्वाद बोल

रहा 

पोहा! पोहा!

शहर का नाम

अब प्रसिद्ध हो

रहा

दूर-दूर

तक हर कोई

बोला 

भोपाल का

हो जाए

पोहा! पोहा!

मध्यप्रदेश के

भोपाल शहर का

नाश्ता बोला

पोहा! पोहा।

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