H2 + O2= H2O
कुछ नहीं बस! Chemical equation है.. water की।
नहीं! नहीं! कोई पढ़ाई के विषय में चर्चा नहीं करने जा रहे हैं हम! दअरसल आज एक measuring glass घर में नया खरीद कर लाया गया .. रसोई में कुछ ख़ास बनाते वक्त समाग्री नापने की ज़रूरत पड़ ही जाती है।
चारों तरफ़ से ग्लास को घुमा-घुमा देखते हुए.. मन स्कूल में chemistry lab में जा खड़ा हुआ था।
दसवीं कक्षा पास करने के बाद मित्रों की देखा-देखी और पूरे जोश में आकर साइंस सब्जेक्ट लिया था.. सभी विषयों में हमारा केमिस्ट्री मन-पसंद सब्जेक्ट हुआ करता था..
सबसे ज़्यादा मज़ेदार तो हमें chemistry lab में जाकर एक्सपेरिमेंट करना लगा करता था।
केमिस्ट्री practical को लेकर बहुत ही मज़ा आया करता था।
तब उस उम्र में लैब में प्रैक्टिकल करते-करते डॉक्टर बनने का सपना देख बैठे थे.. यह नहीं पता था.. कि मुहँ से बोलने से कोई डॉक्टर नहीं बन जाता।
खैर! नंबर-वम्बर तो हमेशा ही अच्छे आया करते थे.. पिताजी भी हमेशा ख़ुश होकर यही कहा करते,” मेडिकल में ही जाना है!”।
पिताजी को ख़ुश करने के चक्कर में.. अपने अंदर की सही प्रतिभा को पहचानना भूल ही गए.. या फ़िर ऐसा लगता है.. जैसे पहचान ही नहीं पाए।
उन दिनों अपने आप को भूल कर माँ-बापू को इम्प्रेस करना भी बड़ा काम हुआ करता था.. हमारे लिए.. अपने ख़ुद के आगामी भविष्य को लेकर दिमाग़ जैसे शून्य ही था।
आज जीवन के इस मोड़ पर आकर यह अहसास होता है.. सही वक्त पर सही सोच और सही फैसले ही काम आते हैं.. जीवन को किसी दूसरे को ख़ुश करके अर्थहीन बनाने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
मन में जो हो! और जो ख़ुद को अच्छा लगे.. वह समय रहते बिना किसी डर और दबाव के कर दिखा.. जीवन को सार्थक बना लेना चाहिये।