बहुत थकान महसूस हो रही है, आज मुझे! क्यों सारा काम जल्दी-जल्दी ख़त्म कर गाजर का हलवा जो तैयार कर डाला है.. इस सीजन का आख़िरी गजरेला।
बच्चों को गाजर का हलवा हमेशा से ही पसंद आता रहा है.. हर सीजन ख़त्म होते ही गाजर ख़त्म होने तक, बनाते ही रहते हैं.. हलवा।
वही खोया, दूध, और अगर पसंद हों तो.. dry फ्रूट्स डालकर।
पर इस बार कुछ नए अंदाज में हमारे बच्चों को गाजरों से प्यार हुआ.. और हमें आर्डर देते हुए, कहने लगे..
” चीनी तो नुकसान करती है! आप गुड़ वाला गाजर का हलवा हमारे लिए try कर सकती हो.. क्या!”,।
” गुड़ वाला..!”।
सुनकर अजीब सा लगा था.. कभी बनाया भी नहीं! और गुड़ वाले गाजर के हलवे के बारे में सुना भी नहीं था।
पर अब बच्चों का कहा टाला न गया था.. और गुड़ वाला गाजर का हलवा तैयार कर दिया था..
बस! कुछ नहीं.. कोई दो किलो गाजर में दो ही किलो, फुल क्रीम दूध डालकर हलवा तैयार किया था.. कोई खोया और बिना किसी ड्राई फ्रूट्स के। चीनी की जगह मीठे के स्वाद अनुसार गाजरों के दूध में पकने के बाद, गुड़ डाल दिया था।
गुड़ से गाजर के हलवे का रंग भी बढ़िया चॉकलेटी आता है.. और वाकई स्वाद में मस्त होता है, और तो और गुड़ से गैस वगरैह की शिकायत न होकर चीनी से अधिक लाभदायक होता है।
सच! इस नए तरह के गजरेले को खाने और बनाने दोनों में ही बहुत आनंद आया था।
” वाह! यह वाला गाजर के हलवे का स्टाइल ज़्यादा अच्छा लगा!”।
बच्चों के मुहँ से सुन, गाजर कसने की पूरी मेहनत सफ़ल हो गयी थी.. और सारी थकान दूर हो.. सच्ची ख़ुशी का अहसास हुआ था।