आज एकबार फ़िर हमारी कलम प्यारी कानू के बारे में लिखने के लिए उठी है.. अब क्या बताएं हमारी कानू है.. ही इतनी प्यारी कि हमारा मन ही नहीं माना।
सारे परिवार का लाड़ और प्यार समेटने वाली है.. हमारी कानू। छुटपन से ही हमनें एक नन्ही और प्यारी गुड़िया की तरह से पाला है.. कानू को!
बचपन से ही सबनें बेहद प्यार दिया.. हमनें भी बच्चों से हमेशा यही कहा.. ” कानू को हमेशा अपनी छोटी बहन समझना कुत्ता नहीं!”।
अब बच्चे भी बड़े हो चले हैं.. और कानू भी! पर क़ानू के लिए आज भी सभी के दिलों में वही प्यार और दुलार है.. अब बिटिया को ही ले लीजिए.. कॉलेज से समय नहीं मिलता.. पर जैसे ही थोड़ा सा समय मिलता है.. झट्ट से कानू संग एक-आध सेल्फी उतार ही लेतीं हैं! है! तो कानू को भी प्यार अपनी दीदी से.. पर यूँ मौका देख.. दबोच कर कानू को पकड़ कर सेल्फी लेना.. क़ानू को थोड़ा अखर जाता है.. और हमारे पास आकर अपनी पिंक कलर की जीभ हमारा गाल चाटते हुए.. दीदी की शिकायत करते हुए.. हमसे अक्सर कह ही दिया करती है.. कानू.
” देखो! न माँ दीदी हमें कहीं भी देखकर.. चुप संग हमारे साथ सेल्फी ले लिया करतीं हैं!”।
बात तो क़ानू की बिल्कुल सही निकली.. वाकई बहुत सी तस्वीरें बिटिया ने क़ानू संग यूँहीं जबरन क़ानू को पकड़ कर खींच रखीं थीं.. पर इन जबरन खींचीं गईं तस्वीरों में कहीं क़ानू और बिटिया का गहरा और सच्चा प्यार दिखाई दे रहा था।
इस अटूट और गहरे प्रेम की तसवीरें हमारे भी मन को भा गईं थीं.. अपने मोबाइल और अपने दिल के किसी एक कोने में हमनें भी यही सारी तस्वीरें अपलोड कर डालीं थीं.. और एकबार फ़िर अपनी प्यारी सी क़ानू की यादों की बारात को लिए.. बढ़ चले थे.. प्यारी कानू संग ज़िन्दगी की ओर।