एक दिन रूह मेरी तेरी रूह से मिलने आयेगी।।
कभी मत कहना कि मुलाकात नही हो पायेगी।।
गिले शिकवो का सिलसिला मत शुरू करना,
प्यार की फिर कोई भी बात नही हो पायेगी ।।
जुबां तो खुलेगी नही,गुफ्तगू तो होगी मगर
इतनी सुंदर कभी कायनात नही हो पायेगी।।
बहने देगे जी भर के अशक हम खामोशी से,
इतनी हसीं फिर कभी बरसात नही हो पायेगी।।
थाम लेगे एक दूजे का फिर दामन हम दोनो
इतनी दिलकश कोई सुहागरात नही हो पायेगी।।
Kaur Surinder