ऊपर वाला जो भी करता है.. अच्छे के लिए ही करता है। या यूँ कह लीजिए.. होता उसी की मर्ज़ी से है।
अब सर्विस से रिटायरमेंट के बाद कोई न कोई परिवार के लिए.. जीविका का साधन ढूंढना ही था.. सो पिताजी एक नई नौकरी की तलाश में जुट गए थे.. बहुत कोशिश पर भी मनचाही बात नहीं बनी थी।
” क्यों न कोई अपना काम शुरू किया जाए!” यह बात दिमाग़ में आ गई थी..
” हम्म! गैस एजेंसी का आईडिया अच्छा रहेगा!”।
दोस्तों और रिश्तेदारों की सलाह मान आख़िर में पिताजी ने गैस एजेंसी ले.. काम शुरू किया.. कई तरह के गैस के चूल्हे भी बेचने के लिए.. उसमें रखे थे।
उन दिनों हमारे यहाँ.. सफ़ेद रंग का.. sunflame वाला चूल्हा हुआ करता था.. कई साल पुराना भी हो गया था..
” poonam cook n grill” वाला तीन चूल्हों का गैस खरीद नए काम की शुरुआत हमारे घर से ही हुई थी।
नए चूल्हे पर डोसे बना.. हमनें अपनी गैस का श्री गणेश भी किया था।
आज हमनें भी यहाँ अपने घर में चार चूल्हों वाला नया गैस खरीदा है.. जिसकी चमक में .. हमें अपने बचपन वाले poonam cook n grill वाले चूल्हे आने की ख़ुशी याद आ गई थी।