प्यारी बात

प्यारी बात

बहुत ही चाव से मेरे यह हाथ, साउथ इंडियन खाना यानी के इडली सांभर की तैयारी कर रहे थे.. भतीजा जो आने वाला था। वादा किया था,” बुआ अबकि बार भोपाल आऊँगा! तो आपसे मिले बगैर नहीं वापिस जाऊँगा!”। बस! वादे के अनुसार सवेरे ही आ पहुँचा था। इडली-सांभर खाने का बचपन से...
पालतू

पालतू

पहले लोगों को कोई भी पालतू जानवर पाला हुआ, देख! बहुत ही अजीब सा लगता था.. सोचा करती थी, अरे! क्या मुसीबत का काम है.. बेकार ही मुसीबत पाल रखी है। पर नहीं! जब से प्यारी कानू मेरे जीवन का हिस्सा बनी है.. तब से मैं यही भूल गयी हूँ! कि यह एक कुत्ता है.. या फ़िर मैने मुसीबत...
साग- रोटी

साग- रोटी

” वो आप उस दिन वाला साग बना दोगी!”। बेटे ने छत्त पर टहलते हुए, मुझसे कहा था। ” हाँ! पर कल नहीं, समय लगता है.. आज मैं सामान मंगवा कर कल बना दूँगी”। ” अच्छा लगा था!”। ” हाँ!”। दरअसल इस मौसम के चलते, मेरे पास फ्रिज में एक...
बोगनवेलिया

बोगनवेलिया

रंग तुम्हारे कितने सारे सब फूलों में तुम लगते न्यारे बिन पानी के भी तुम मुस्काते सर्दी, गर्मी फ़िर चाहे धूप हो फ़िर भी ख़िलते हर मौसम में बहार तुम्हारी सच! फूलों की दुनिया तुमसे न्यारी बड़े फूल भी प्यारे तुम्हारे छोटे झुंड के फूल तो लगते सबसे न्यारे बोगनवेलिया तुम...
सपने

सपने

” फ़िर आज क्या देखा.. आपने! सपने में!”। ” अरे! आज, आज.. कुछ नहीं.. बस! बहुत सारी हरियाली सी और बारिश देखी थी।”। ” अच्छा! अब इस सपने का क्या मतलब है!”। ” greenery और बारिश देखना.. मैने सुना है.. अच्छा होता है”। अक्सर गहरी...
कढ़ी-चावल

कढ़ी-चावल

आज दिन तो मकर सक्रांति का है.. पर हमनें तिल के लड्डू, गाजर का हलवा वगरैह न बनाते हुए, कढ़ी चावल ही बना डाले हैं। मटर वाले पुलाव संग कढ़ी पकौड़ा। दअरसल जब भी हम कढ़ी बनाते हैं.. माँ के हाथ के कढ़ी वाले पकौड़ों का हल्का खट्टा सा रस मुहँ में भर जाता है.. जब भी हम अपनी...