by Rachna Siwach | Oct 5, 2019 | Uncategorized
” किचन की खिड़कियां तुम साफ़ कर देना! और तुम शो केस चमका देना! पँखे- वखें तुम लोगों से साफ़ नहीं होंगें! उन्हें मैं चमका दूँगा..!”। दीवाली आने से पहले परिवार में पिताजी द्वारा सफ़ाई के कामों का वितरण हो जाया करता था। हमारी अपनी सहूलियतों के हिसाब से हमें...
by Rachna Siwach | Oct 5, 2019 | Uncategorized
वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीड़ पराई जाणे रे। राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी के आज जन्मदिवस पर सभी मित्रों को हार्दिक बधाई। आज स्वतंत्र भारत में जो हम खुल कर अपना जीवन जी रहे हैं.. का श्रेय बापू को ही जाता है। निस्वार्थ भाव से प्रयत्न कर उन्होंने भारतवर्ष को आज़ादी का हार...
by Rachna Siwach | Oct 5, 2019 | Uncategorized
” कुल्फी! कुल्फ़ी.. गोले की कुल्फ़ी बढ़िया.. !!50 पैसे की एक प्लेट!”। ” चल! चल! आ गया कुल्फ़ी वाला..! नानीजी से 50-50 पैसे लेकर खाते हैं.. कुल्फ़ी!”। ” नानीजी! नानीजी! गली में वो ही साइकिल वाला आया है! कुल्फ़ी लेकर । दे दो !आप हम दोनों को...
by Rachna Siwach | Sep 30, 2019 | Uncategorized
शादी ब्याह की धूम मची है मेहमानों की भीड़ लगी है कौन सा तोहफ़ा देंगें वो अब तोहफों पर ही नज़र टिकी है क्या लाए हैं हम भी देखें तोहफ़ों की अब माँग बढ़ी है सोना लाए तो बढ़िया तोहफ़ा सोने के सेट की तोहफ़े में इज़्ज़त बढ़ी है तोहफ़े से मेहमानी आंके मेज़बान की नज़र बड़ी है...
by Rachna Siwach | Sep 30, 2019 | Uncategorized
धुंदली थीं पर प्यारी यादें छोटी थीं पर न्यारी यादें यात्रा करते जब संग में हम सब रेल की खिड़की पर चिपकते थे जब मईया हाथ से लेकर पूड़ी आलू के संग मलते थे जब छुक-छुक यात्रा करते आनी-जानी जगहों को तकते एक ही डिब्बे में उछल-कूद भी चलती मस्ती करते यात्रा चलती ऐसी...
by Rachna Siwach | Sep 28, 2019 | Uncategorized
अब गोभी के दो प्रकार होते हैं.. फूल गोभी और अपनी पत्ता गोभी! और दोनों ही गोभी बनती भी ज़ायकेदार हैं! अगर सही ढँग से बनाई जायें तो! पर मित्रों यहाँ पर गोभी को बनाने की चर्चा नहीं होने वाली है.. यह तो बस! यूँहीं एक ख़याल मन में आया सो हमनें आज लिखने का विषय गोभी ही कर...