by Rachna Siwach | Nov 7, 2019 | Uncategorized
ख़ुशनुमा प्यारी सुन्दर थी वो बेल हरी-भरी सुन्दर फूलों के गुच्छों से लदी हुई थी वो बेल सफ़ेद गुलाबी रंग के फूलों के गुच्छे महकते थे यूँहीं हमारे आँगन में बोतल से लटकते वो बेल पर कितने सुन्दर लगते थे घर के प्रांगण में गुलाबी सुन्दर रंगों के फूलों में कहीं खिला सा था वो...
by Rachna Siwach | Nov 6, 2019 | Uncategorized
ऊपर वाला जो भी करता है.. अच्छे के लिए ही करता है। या यूँ कह लीजिए.. होता उसी की मर्ज़ी से है। अब सर्विस से रिटायरमेंट के बाद कोई न कोई परिवार के लिए.. जीविका का साधन ढूंढना ही था.. सो पिताजी एक नई नौकरी की तलाश में जुट गए थे.. बहुत कोशिश पर भी मनचाही बात नहीं...
by Rachna Siwach | Nov 6, 2019 | Uncategorized
” ए! बता तो क्या लायी है! Tiffin में!.. बता न!”। ” क्यों क्या करना है.. नहीं!.. please मुझे lunch करने दो! Interval ख़त्म हो जाएगा”। ” अच्छा! चल.. इस ऊपर वाले खाने में क्या है!’। ” क्यों पीछे पड़ रहे हो! तुम लोग मेरे...
by Rachna Siwach | Nov 4, 2019 | Uncategorized
लघु कहानियाँ, छोटे-छोटे क़िस्से और उपन्यास हमारे जीवन में घटित बातों और घटनाओं से ही तो बनते हैं.. कुछ घटनाएँ याद रह जातीं हैं.. और कागज़ पर कलम से हमेशा के लिए प्यारी यादें बन दर्ज हो जातीं हैं। बचपन से बड़े होने तक हमारे आसपास कुछ न कुछ यादों में समेटने वाला...
by Rachna Siwach | Nov 2, 2019 | Uncategorized
” पैसे लाई है..! हम्म… हाँ! दस रुपए हैं!”। ” वाओ! मज़ा आ गया! चल फ़िर इस पीरियड के बाद कैंटीन चलते हैं!”। ” क्या हो रहा है.. टीना! मीना! क्लास में बातें क्यों कर रही हो!”। ” sorry मैडम!”। क्लास में बैठकर सहेली संग.. 4th...
by Rachna Siwach | Nov 1, 2019 | Uncategorized
न ही कोई चिड़िया और तोता वाली कविता है.. यह! और न ही कोई इन पक्षियों के बारे में ही विशेष जानकारी है। दअरसल एक बहुत ही पुरानी सी बात जो कि.. नानी-दादी के वक्त की है.. अचानक से ही चलते-चलते याद आ गई थी.. सोचा लिख डालूँ.. हम जब बहुत छोटे थे.. यानी ना समझ से ही हुआ करते...