by Rachna Siwach | Dec 7, 2019 | Uncategorized
” देख लो .. जो पसंद हो! कर लो आर्डर!”। ” हम्म…!”। ” अरे! क्या हुआ..! इतना टाइम नहीं लगाते.. फ़टाफ़ट करो आर्डर!’। ” लाओ! इधर दो! Menu कार्ड.. पहले सबके रेट देख रही होगी.. फ़िर सबसे सस्ता देख.. आर्डर करेगी! ऐसे नहीं किया...
by Rachna Siwach | Dec 3, 2019 | Uncategorized
शादियों का सीजन शुरू हो गया है.. किसी न किसी वेडिंग फंक्शन में आना-जाना लगा ही रहता है। शादी-ब्याह के फंक्शन का मुख्य आकर्षण होता है.. दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी। इस जोड़ी पर नज़र पड़ते ही.. अपना ज़माना याद आ जाता है.. अपने मुहँ मिया मिट्ठू होना अजीब सा लगता है. पर जब भी...
by Rachna Siwach | Dec 2, 2019 | Uncategorized
बहुत दुःख होता है.. समाज में आज अपनी बहन-बेटियों को असुरक्षित देखकर! माँ-बाप कितना भी क्यों न पढ़ा-लिखा लें.. अपनी बिटिया को.. पर फ़िर भी यह समाज उन्हें स्वछंद रूप से जीने नहीं देता.. बहुत बुरा लगता है.. ऐसे समाज में रहते हुए.. जहाँ आज भी पुरुष वर्ग जानवरों की तरह से...
by Rachna Siwach | Nov 29, 2019 | Uncategorized
भई! वाकई ! यह ज़ुकाम तो सभी बिमारियों में सबसे बुरी बीमारी है। एकबार को बेशक बुख़ार हो जाए.. पर ज़ुकाम तो होना ही नहीं चाहिए। अब ज़ुकाम हो जाता है.. तो केमिस्ट से गोलियां लाए.. कम्बल में विक्स वगरैह लगाकर .. ढ़ककर सो गए.. बस! दो-चार दिन में हालात चंगी हो जाती है। ये...
by Surinder Kaur | Nov 27, 2019 | Uncategorized
कातिल को हमारे खुशी मिलती रहे हमेशा,रोज खुद को नया कफ़न पहनाते है।दुनिया ये सोचती है दिया रोशन करे रहगुजर।कौन जाने रोज ये दिल के दाग जलाते है।यादो के चिरागों मे अशको का तेल डालआह की आग से हम इनको जलाते है।उसकी जफाओ पे अब रोना नही आताअपनी वफाओ पे खुद को हँसाते है।चले...
by Rachna Siwach | Nov 27, 2019 | Uncategorized
झालमुडी…! झाल… झाल… झालमुडी….!! भेलपूरी…! भेलपूरी..! झालमुडी..!! झालमुडी और भेलपूरी बेचने वालों की आवाज़ें हुआ करतीं थीं.. जगह थी.. कलकत्ता की हुगली नदी के किनारे बाबू घाट। हर इतवार हम यहीँ परिवार सहित पिकनिक मनाने आया करते थे.. कोई भी इतवार ऐसा नहीं होता था.. जब...