ब्याह रचाया
दो मेंढकों का
बरखा को बुलाने
ऐसा बंधन
बंधा देखो
भइया
भोपाल हो
गया पानी-पानी
ब्याह करा
ख़ुश कराया
देवों को
हे! देव देखो!
ब्याह हो रहा
अब बुला
लाओ बरखा रानी
देवों ने बुलाईं
बरखा रानी
ब्याह देख
बरस गईं
बरखा रानी
इतनी झड़ी
लगाई बरखा ने
अब शहर में
हो गया
पानी-पानी
पानी देख
घबराए
सभी जन
बोले अरे!
बहुत हो गया
पानी-पानी
ब्याह तुड़वाओ
मेढकों का
तुम बस!
अब रुक
जाओ तुम
बरखा रानी
तलाक हो
गया मेढकों
का अब
शांत हो
गईं बरखा रानी
हाथ जोड़े
सबनें भइया
बहुत जुड़ गया
शहर में पानी।