रंग तुम्हारे कितने सारे
सब फूलों में तुम
लगते न्यारे
बिन पानी के भी तुम
मुस्काते
सर्दी, गर्मी
फ़िर चाहे धूप हो
फ़िर भी ख़िलते
हर मौसम में
बहार तुम्हारी
सच! फूलों की दुनिया
तुमसे न्यारी बड़े फूल
भी प्यारे
तुम्हारे छोटे झुंड
के फूल
तो लगते सबसे न्यारे
बोगनवेलिया
तुम कितने प्यारे
इस फूलों की दुनिया के तुम
भी चांद-सितारे।