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बेवफा

Surinder Kaur Author Praneta

काहे न कहूं बैरी तुझे बेवफा।
कौन सा वादा किया है वफा।

क्यू न कहूं मै तुम को बेवफा
क्या कभी सुनी तूने मेरी सदा।

घाव तेरे भी अब रिसते तो होगे
तेरी बेबफाई का यही है सिला।

कभी तूने आजमाया था मुझे
अब रहा है आजमा तुझे खुदा।

इतनी मासूम भी अब नही मै
तुम से न करूगी ,जो अब गिला।


Surinder kaur

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