by Surinder Kaur | Jul 6, 2019 | Uncategorized
भूलने को तो बहुत सी बातें भूल जाती हूँ मैंमगर जो भूलना चाहती हूँ वो क्यू याद आते है।कुछ लोग बिछङ कर भी साथ साथ होते है।कुछ साथ हो कर भी क्यू बिछङ जाते है।हमसफर ,हमराह ,हमजुबाँ तो मिल जाते हैंहमख्याल, हमनवाँ ही क्यू दिल को भाते हैं।सजाये रखते हैं हम जिनको दिल के कूचे...